जबलपुर। उच्च वर्ग में तलाक का मुख्य कारण मोबाइल है. मोबाइल के जरिए ससुराल में की गई बातचीत तलाक की वजह बनती है. वहीं हाई क्लास में घमंड का टकराव तलाक की दूसरी बड़ी वजह बनकर सामने आ रही है. यह बात परिवार परामर्श केंद्र में बीते 25 सालों से पारिवारिक झगड़ों के मामले देख रहे काउंसलर अंशुमान शुक्ला ने कही. शुक्ला का मानना है कि मोबाइल वर्तमान समय में तलाक का सबसे बड़ा कारण है.
मोबाइल उच्च वर्ग में तलाक का मुख्य कारण
हाई क्लास वर्ग में तलाक की मुख्य वजह मोबाइल फोन बन रहा है. जबलपुर के परिवार परामर्श केंद्र में बीते 25 सालों से पारिवारिक झगड़ों के मामले देख रहे काउंसलर अंशुमान शुक्ला का कहना है कि उच्च आय वर्ग के लोग मोबाइल का बहुत अधिक इस्तेमाल करते हैं. ससुराल की हर छोटी बात लड़कियां मायके तक पहुंचा देती हैं. इसकी वजह से रिश्तों में दरार आ जाती है, रिश्ते टूटने की नौबत बन जाती है. अंशुमन शुक्ला का कहना है कि बीते कुछ दिनों से इस तरह के तलाक ज्यादा देखे जा रहे हैं.
अहंकार बनता है तलाक का प्रमुख कारण
वहीं तलाक के मामलों में पैरवी करने वाले एडवोकेट दिनेश उपाध्याय का कहना है कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग चाहे पति हो या पत्नी बहुत अधिक अहंकार रखते हैं. यदि उनका इगो हर्ट होता है, तो वह इसे पसंद नहीं करते. छोटी सी बात पर भी तलाक लेने के लिए तैयार हो जाते हैं. दिनेश उपाध्याय का कहना है कि उन्होंने ऐसे कई मामले देखे हैं, जिसमें किसी कर्मचारी के सामने पति ने पत्नी को कुछ कह दिया, किसी छोटी सी बात पर पति ने पत्नी को डांट दिया. ऐसी छोटी-छोटी बातें भी उच्च आय वर्ग में तलाक की बड़ी वजह बन गई हैं.
गरीब वर्ग कानूनी पचड़े में नहीं पड़ते
हालांकि अंशुमन शुक्ला का कहना है कि, ऐसा नहीं है कि केवल हाई क्लास के लोग तलाक के मामलों में आगे आ रहे हैं, बल्कि बहुत से गरीब भी परिवार के अंदर झगड़े का शिकार हैं. लेकिन गरीबों को महंगी न्याय व्यवस्था और कानूनी दांवपेच नहीं आते. इसलिए या तो यह लोग लड़ते झगड़ते जीते रहते हैं या फिर बिना किसी कानूनी दांवपेच के अलग हो जाते हैं. इनके मामले रिकॉर्ड में नहीं आ पाता. उच्च आय वर्ग में ऐसा नहीं होता वे ज्यादातर लोग कानूनी रूप से तलाक लेते हैं. इसलिए उनका रिकॉर्ड ज्यादा सामने आता है.
तलाक के इन बढ़ते मामलों की वजह से समाज में कई समस्याएं सामने आ रही हैं. खास तौर पर जिन परिवारों में तलाक हो जाता है, उनमें सबसे बड़ी समस्या बच्चों की परवरिश में आती है. ऐसे में बच्चे चिड़चिड़े होते हैं, नशे की लत में लग जाते हैं. इनका जीवन आसान नहीं रह जाता. इस समस्या का कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है.