जबलपुर। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस व स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने राज्य सरकार पर द्वेषपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए केन्द्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सरकार उनसे कोई काम नहीं ले रही है. जिसके चलते उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया है. कैग की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
राज्य सरकार की याचिका हुई खारिज: स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि "पत्नी के साथ विवाद का वीडियो वायरल होने पर राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. विवाद के संबंध में किसी ने कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करवाई थी. निलंबन आदेश के खिलाफ उन्होंने कैग में याचिका दायर की थी. कैग ने उनके पक्ष में आदेश जारी किया था. कैग के आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाईकोर्ट द्वारा अपील खारिज किये जाने के बाद सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की थी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने उनके निलंबन को निरस्त कर दिया.
ये भी पढ़ें... |
याचिका में कई गई ये बातें: निलंबन का आदेश निरस्त होने के बावजूद भी उन्हें कोई दायित्व नहीं दिया गया है. काम नहीं लिये जाने के कारण उन्होंने 31 मई को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था. सरकार द्वारा उक्त आवेदन 20 जून को खारिज कर दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि जब उनसे कोई काम नहीं लिया जा रहा है तो उनके वेतन के लिए जनता की राशि का दुरुपयोग नहीं होना चाहिये. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पैरवी की.