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जबलपुर: बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 220 हुई मरीजों की संख्या, जानें कैसे करें बचाव

मौसम में हो रहे बदलाव के कारण बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, साथ ही डेंगू के भी कई मामले भी सामने आ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक जबलपुर में डेंगू के कुल 220 मरीजों की पुष्टि हुई है.

बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 220 हुई मरीजों की संख्या
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Published : Nov 7, 2019, 12:34 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 12:49 PM IST

जबलपुर। जिले में डेंगू का कहर जारी है, साथ ही आस-पास के जिले कटनी, सतना, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह में भी डेंगू के 10 से ज्यादा नए मरीज रोज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 220 तक पहुंच गई है.

बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 220 हुई मरीजों की संख्या


वही डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी के शुरूआती दौर में साधारण से लगने वाला बुखार गलत उपचार के कारण जानलेवा साबित हो सकता है. बीमारी के सीजन में कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें बुखार से पीड़ित मरीजों को डेंगू बताकर डराया जा रहा है और जिन मरीजों के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 1 लाख से ज्यादा है, उन्हें भी बीमारी के नाम पर डराया जा रहा है. वही नगर निगम भी लार्वा विनिष्टीकरण का अभियान चला रहा है और साथ ही जिन घरों में मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं, वहां जुर्माना भी लगाया जा रहा है.


डेंगू के लक्षण-

मांस पेशियों, जोड़ों व सिर में दर्द होना.
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना.
बहुत ज्यादा कमजोरी के साथ भूख न लगना.
जी मचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द.
चेहरा, छाती, गर्दन पर लाल-गुलाबी रंग के रेशेज आना.
नाक व मसूड़ों से खून का रिसाव, शौच या उल्टी में खून आना.

साफ पानी में पैदा होता है डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर

चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं और इसलिए घर व ऑफिस के आसपास कहीं भी साफ पानी जमा न होने दें. जहां पानी का जमाव रोकना मुश्किल हो, वहां केरोसिन या ऑयल डालकर लार्वा विनिष्टीकरण कर दें. इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. लिहाजा घरों की खिड़की, दरवाजों में जाली लगवाकर उनसे बचा जा सकता है.

जांच केन्द्र वसूल रहे हैं 13 हजार रुपए प्रति यूनिट प्लेटलेट्स

निजी जांच केन्द्रों में प्रति यूनिट प्लेटलेट्स की कीमत 13 हजार रुपए से ज्यादा वसूली जा रही है, चिकित्सक डॉ अमित खरे ने बताया कि स्वस्थ शरीर में दो लाख तक प्लेटलेट्स होते हैं, जिसकी मौजूदगी से शरीर में रक्तस्त्राव को रोका जा सकता है, इनकी संख्या 1 लाख से कम होने पर डेंगू की आशंका बढ़ती है. ऐसा होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो जाता है. प्लेटलेट्स खून का ही एक घटक है. इसकी अनुपलब्धता में मरीज को सीधे खून चढ़ाया जा सकता है. जिन मामलों में खून चढ़ाकर अथवा दवा से मरीज को राहत पहुंचाई जा सकती है, उन्हें भी हजारों रुपए कीमत के प्लेटलेट्स की सलाह दी जा रही है.

जबलपुर। जिले में डेंगू का कहर जारी है, साथ ही आस-पास के जिले कटनी, सतना, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह में भी डेंगू के 10 से ज्यादा नए मरीज रोज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 220 तक पहुंच गई है.

बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 220 हुई मरीजों की संख्या


वही डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी के शुरूआती दौर में साधारण से लगने वाला बुखार गलत उपचार के कारण जानलेवा साबित हो सकता है. बीमारी के सीजन में कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें बुखार से पीड़ित मरीजों को डेंगू बताकर डराया जा रहा है और जिन मरीजों के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 1 लाख से ज्यादा है, उन्हें भी बीमारी के नाम पर डराया जा रहा है. वही नगर निगम भी लार्वा विनिष्टीकरण का अभियान चला रहा है और साथ ही जिन घरों में मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं, वहां जुर्माना भी लगाया जा रहा है.


डेंगू के लक्षण-

मांस पेशियों, जोड़ों व सिर में दर्द होना.
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना.
बहुत ज्यादा कमजोरी के साथ भूख न लगना.
जी मचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द.
चेहरा, छाती, गर्दन पर लाल-गुलाबी रंग के रेशेज आना.
नाक व मसूड़ों से खून का रिसाव, शौच या उल्टी में खून आना.

साफ पानी में पैदा होता है डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर

चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं और इसलिए घर व ऑफिस के आसपास कहीं भी साफ पानी जमा न होने दें. जहां पानी का जमाव रोकना मुश्किल हो, वहां केरोसिन या ऑयल डालकर लार्वा विनिष्टीकरण कर दें. इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. लिहाजा घरों की खिड़की, दरवाजों में जाली लगवाकर उनसे बचा जा सकता है.

जांच केन्द्र वसूल रहे हैं 13 हजार रुपए प्रति यूनिट प्लेटलेट्स

निजी जांच केन्द्रों में प्रति यूनिट प्लेटलेट्स की कीमत 13 हजार रुपए से ज्यादा वसूली जा रही है, चिकित्सक डॉ अमित खरे ने बताया कि स्वस्थ शरीर में दो लाख तक प्लेटलेट्स होते हैं, जिसकी मौजूदगी से शरीर में रक्तस्त्राव को रोका जा सकता है, इनकी संख्या 1 लाख से कम होने पर डेंगू की आशंका बढ़ती है. ऐसा होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो जाता है. प्लेटलेट्स खून का ही एक घटक है. इसकी अनुपलब्धता में मरीज को सीधे खून चढ़ाया जा सकता है. जिन मामलों में खून चढ़ाकर अथवा दवा से मरीज को राहत पहुंचाई जा सकती है, उन्हें भी हजारों रुपए कीमत के प्लेटलेट्स की सलाह दी जा रही है.

Intro:जबलपुर में बढ़ रहे डेंगू के मरीज,
पांच जिलों से आ रहे इलाज के लिए मरीज,
सरकारी आंकड़ों में 218 पहुँची मरीजों की संख्याBody:
जबलपुर
संस्कारधानी और आस-पास के जिलों में डेंगू का कहर जारी है. डेंगू बीमारी ने जिलेभर में पैर पसारना शुरू कर दिया है। साथ आस पास के कटनी, सतना, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह, जिलों के मरीज इस बीमारी से पीड़ित 10 से ज्यादा नए मरीज रोजाना अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। सरकारी आंकड़ों में इस सीजन में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 220 पहुंच गई है। डेंगू के साथ अन्य मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं।चिकित्सकों का कहना है कि बीमारी के शुरूआती दौर में साधारण सा लगने वाला बुखार विलंब से या गलत उपचार के कारण जानलेवा साबित हो सकता है। इधर बीमारी के सीजन में कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें बुखार से पीड़ित मरीजों को डेंगू बताकर डराया जा रहा है। जिन मरीजों के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 1 लाख से ज्यादा है उन्हें भी बीमारी के नाम पर भयभीत किया जा रहा है। वही आए दिन बदल रहे मौसम के मिजाज के कारण मच्छरों की फौज तैयार हो रही है। साफ पानी में पैदा होने वाले एडीज मच्छरों के लार्वा हर पांचवे घर में देखे जा रहे हैं। सरकारी दफ्तर हों या स्कूल कॉलेज भवन हर जगह मच्छरों के कारण आने-जाने वालों पर खतरा मंडरा रहा है। नगर निगम द्वारा लार्वा विनिष्टीकरण का अभियान चलाया जा रहा है। जिन भवनों में मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं वहां जुर्माना ठोंका जा रहा है।

-मांस पेशियों, जोड़ों व सिर में दर्द होना।
-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना।
-बहुत ज्यादा कमजोरी के साथ भूख न लगना।
-जी मचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द।
-चेहरा, छाती, गर्दन पर लाल-गुलाबी रंग के रेशेज आना।
-नाक व मसूढ़ों से खून का रिसाव। शौच या उल्टी में खून आना।

चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। इसलिए घर या कार्यालय के आसपास कहीं भी साफ पानी जमा न होने दें। जहां पानी का जमाव रोकना मुश्किल हो वहां केरोसिन या ऑयल डालकर लार्वा विनिष्टीकरण किया जा सकता है। इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है लिहाजा घरों की खिड़की, दरवाजों में जाली लगवाकर उनसे बचा जा सकता है।

डेंगू के उपचार में उपयोगी प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है। जिसके पीछे कमीशनखोरी को मुख्य वजह बताया जा रहा है। जिन मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या 50 हजार से ज्यादा रहती है उन्हें भी प्लेटलेट्स चढ़ाया जा रहा है। जिला अस्पताल में प्लेटलेट्स मशीन बंद पड़ी है। सरकारी तौर पर सिर्फ एल्गिन व मेडिकल अस्पताल में प्लेटलेट्स मिल पा रहा है।

निजी जांच केन्द्र प्रति यूनिट प्लेटलेट्स 13 हजार रुपए से ज्यादा वसूल रहे हैं। चिकित्सक डॉ अमित खरे ने बताया कि स्वस्थ शरीर में दो लाख तक प्लेटलेट्स होते हैं। इसकी मौजूदगी से शरीर में रक्तस्त्राव को रोका जा सकता है। इनकी संख्या 1 लाख से कम होने पर डेंगू की आशंका बढ़ती है।

ऐसा होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो जाता है। प्लेटलेट्स खून का ही एक घटक है। इसकी अनुपलब्धता में मरीज को सीधे खून चढ़ाया जा सकता है। जिन मामलों में खून चढ़ाकर अथवा दवा से मरीज को राहत पहुंचाई जा सकती है उनमें भी हजारों रुपए कीमती प्लेटलेट्स की सलाह दी जा रही है।

बाइट - मनीष मिश्रा सीएमओं जबलपुरConclusion:वही मौसम में हो रहे बदलाव के कारण बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डेंगू के मामले भी सामने आ रहे हैं। शरीर में प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से कम होने पर रक्तस्त्राव का खतरा रहता है। मच्छरों से बचाव व उनकी रोकथाम से बीमारी से बचा जा सकता है।
Last Updated : Nov 7, 2019, 12:49 PM IST
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