जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी होने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ हलफनामा में कहा गया था कि 21 अप्रैल तक सभी जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगनी चाहिए. हलफनामे में बताई गई तारीख तक सभी जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाए जाने के निर्देश जारी करते हुए अगली सुनवाई 22 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला था
कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला गया था. 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को मिला, जिसे फरवरी 2019 तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी. इसके लिए जगह भी उपलब्ध करा दी गई थी, लेकिन 20 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन नही लगाई गई. कोरोना काल में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी आवश्यकता पड़ी. याचिका में कहा गया था कि संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है.
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याचिका पर पहले हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त हलफनामा पेश किया गया था. पिछली सुनवाई के दौरान आयुक्त मेडिकल हेल्थ डाॅ. संजय गोयल ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताया था कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है. मंडला और बालाघाट जिलों में दो दिनों के अंदर मशीन पहुंच जाएगी और एक हफ्ते के अंदर उन्हें लगा दिया जाएगा. दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्ड धारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है और एपीएल के लिए 932 रूपए लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेष सोनी ने पैरवी की