जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किए जाने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाए गए. इस मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस मोह. रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने मामले में चिंता जाहिर कर कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है. प्रदेश के जिलों में कब तक सीटी स्कैन मशीन लग जाएगी, इस संबंध में सरकार विस्तृत जवाब दे. युगलपीठ ने निर्देश के साथ मामले की अगली सुनवाई 31 मई को निर्धारित की गई है.
जिला अस्पताल में कब लगेगी सीटी स्कैन मशीन- कोर्ट
मामले की याचिका जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की ओर से दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला गया था. 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को दिया गया था. संबंधित कंपनी को कटनी के साथ मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है. याचिका पर पहले हुई सुनवाई पर न्यायालय ने सभी जिलों में अप्रैल 2021 में मशीन स्थापित करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा लेट लतीफी के लिए दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. पहले की सुनवाई में सरकार ने जवाब में कहा था कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्ड धारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है और एपीएल के लिए 932 रूपए शुल्क लिया जा रहा है. पांच जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है. कोरोना की दूसरी लहर के कारण शेष चार जिलों में मशीन नहीं लगाई गई है. इसके लिए दो माह का समय प्रदान करने का आग्रह युगलपीठ से किया गया.
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19 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका
महाधिवक्ता ने युगलपीठ को बताया कि निमाड़ी जिले को छोड़कर प्रदेश के सभी 51 जिलों में अगामी पांच माह में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जाएगी. याचिकाकर्ता ने आपत्ति करते हुए युगलपीठ को बताया कि सरकार द्वारा पूर्व में 19 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका जारी किया गया था, जिसमें से अभी तक सिर्फ 14 जिलों में ही सीटी स्कैन मशीन लग पाई है. निर्धारित समय सीमा में प्रदेश के सभी जिलों पर सीटी स्कैन मशीन लगाए जाने की कोई गारंटी नहीं है. जिस पर न्यायालय ने निर्देश देते हुए सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.