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किसानों की खड़ी फसल पर छाया कोरोना का संकट, काटने को नहीं मिल रहे मजदूर - Harvester

जबलपुर में लॉकडाउन के चलते रबी सीजन की फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं और ना ही फसल निकालने को हार्वेस्टर. जिसके चलते फसल कटवाना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है.

Farmers are not getting to harvest standing crops of farmers
किसानों की खड़ी फसल काटने के लिए नहीं मिल रहे है मजदूर
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Published : Apr 6, 2020, 1:26 PM IST

जबलपुर। रबी सीजन की फसल पककर तैयार हो गई है. लेकिन लॉकडाउन के चलते फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं और ना ही फसल निकालने को हार्वेस्टर. जिसके चलते फसल कटवाना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है. हालांकि किसानों की फसलों को देखते हुए, कलेक्टर ने हार्वेस्टर की अनुमति दे दी है. लेकिन कोरोना वायरस के खौफ से हार्वेस्टर भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं.

Farmers are not getting to harvest standing crops of farmers
किसानों की खड़ी फसल काटने के लिए नहीं मिल रहे है मजदूर
दरअसल, बड़ी मुश्किलों से फसल काटने के लिए चंद मजदूर मिल भी जाते हैं, तो वह भी कोरोना संक्रमण के चलते कभी-कभार ही खेतों में फसल काटने आते हैं. अगर समय रहते गेहूं की फसल नहीं काटी गई तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों की मानें तो गेहूं की फसल पक गई है. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के चलते लॉकडाउन में मजदूर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में गेहूं की फसल खेतों में सूखती जा रही है. वहीं दूसरी ओर खड़ी फसल को निकालने के लिए हर साल हार्वेस्टर आते थे. पर इस बार लॉकडाउन के चलते वह भी नहीं मिल पा रहे हैं. जबलपुर के कई ग्रामों में गेहूं की फसल पक गई है अब किसानों को चिंता सता रही है. कि मौसम में बदलाव के कारण कहीं बारिश हो गई, तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा.किसानों और मजदूरों को खेतों में काम करते समय सावधानी बरतने जिला प्रशासन ने हिदायत दी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जिला प्रशासन ने किसानों और मजदूरों से अपील की है कि फसल की कटाई मशीनों से की कराए. वहीं हाथ से कटाई को काम में लाने वाले उपकरणों को दिन में कम से कम तीन से चार बार साबुन से धोयें. जिला प्रशासन ने किसान व मजदूरों को भी फसल कटाई के दौरान एक दूसरे से 5 मीटर की दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

जबलपुर। रबी सीजन की फसल पककर तैयार हो गई है. लेकिन लॉकडाउन के चलते फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं और ना ही फसल निकालने को हार्वेस्टर. जिसके चलते फसल कटवाना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है. हालांकि किसानों की फसलों को देखते हुए, कलेक्टर ने हार्वेस्टर की अनुमति दे दी है. लेकिन कोरोना वायरस के खौफ से हार्वेस्टर भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं.

Farmers are not getting to harvest standing crops of farmers
किसानों की खड़ी फसल काटने के लिए नहीं मिल रहे है मजदूर
दरअसल, बड़ी मुश्किलों से फसल काटने के लिए चंद मजदूर मिल भी जाते हैं, तो वह भी कोरोना संक्रमण के चलते कभी-कभार ही खेतों में फसल काटने आते हैं. अगर समय रहते गेहूं की फसल नहीं काटी गई तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों की मानें तो गेहूं की फसल पक गई है. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के चलते लॉकडाउन में मजदूर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में गेहूं की फसल खेतों में सूखती जा रही है. वहीं दूसरी ओर खड़ी फसल को निकालने के लिए हर साल हार्वेस्टर आते थे. पर इस बार लॉकडाउन के चलते वह भी नहीं मिल पा रहे हैं. जबलपुर के कई ग्रामों में गेहूं की फसल पक गई है अब किसानों को चिंता सता रही है. कि मौसम में बदलाव के कारण कहीं बारिश हो गई, तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा.किसानों और मजदूरों को खेतों में काम करते समय सावधानी बरतने जिला प्रशासन ने हिदायत दी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जिला प्रशासन ने किसानों और मजदूरों से अपील की है कि फसल की कटाई मशीनों से की कराए. वहीं हाथ से कटाई को काम में लाने वाले उपकरणों को दिन में कम से कम तीन से चार बार साबुन से धोयें. जिला प्रशासन ने किसान व मजदूरों को भी फसल कटाई के दौरान एक दूसरे से 5 मीटर की दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.
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