जबलपुर। जिले में ब्लैक, व्हाइट फंगस के बाद अब क्रीम फंगस (Cream fungus) से प्रभावित मरीज भी सामने आया है. हालांकि मध्य प्रदेश में जितने भी फंगस मिले है उनमें ब्लैक फंगस ही फंगस ज्यादा खतरनाक है. डॉक्टरों का कहना है कि क्रीम फंगस सामान्य तौर से शरीर में पाया जाता है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है.
- 150 मरीज करवा रहे इलाज
दरअसल कोरोना वायरस के इलाज के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और फंगस को खत्म करने वाली कोशिकाएं काम नहीं कर पा रही हैं. इसलिए फंगस शरीर में जगह बना रहा है और शरीर उसे रोक नहीं पा रहा है. सामान्य तौर पर शरीर में फंगस आते हैं और चले जाते हैं. जबलपुर मेडिकल कॉलेज में फंगल इंफेक्शन से प्रभावित 100 मरीजों का इलाज चल रहा है, इसके अलावा जबलपुर के दूसरे अस्पतालों में भी 50 मरीज फंगल इन्फेक्शन का इलाज करवा रहे हैं.
- हेलीकॉप्टर से भेज रहे दवाई
ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल हो रहे इंजेक्शन एंफोटरइसिन-बी की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए भी सरकार को हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. आज जबलपुर में इसके ढाई सौ डोज हेलीकॉप्टर के माध्यम से भेजी गई. जिन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंचाया गया है, क्योंकि यहां पर ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हैं.
क्या है Black fungus और क्या हैं इसके symptoms
- सबसे पहले जबलपुर में मिले मरीज
जबलपुर में कोरोना का सबसे पहले मरीज सामने आया था. इसी तरह ब्लैक, व्हाइट और क्रीम फंगस के सबसे पहले मरीज जबलपुर में पाए गए है. कोरोना वायरस का असर तो फिलहाल कम हो गया है लेकिन अब इसके बाद के साइड इफेक्ट लोगों को परेशान कर रहे हैं. फंगल इंफेक्शन के अलावा कई बैक्टीरियल इनफेक्शन भी कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीजों के शरीर में देखे जा रहे हैं.