जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे कोरोना संदिग्ध मरीज ने चाकू से गला काटकर आत्महत्या कर ली है. यह घटना वार्ड के अंदर ही हुई है. मौके पर पहुंचे मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आत्महत्या नहीं बल्कि उसे अस्पताल के कर्मचारियों ने मारा है. परिवार के लोगों ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है.
कोविड संदिग्ध था युवक
जबलपुर की पाटन तहसील के ग्राम मुड़िया नूनसर के रहने वाले एक युवक को उसके परिजनों ने 14 मई को अस्पताल में भर्ती करवाया था. कोरोना के लक्षण होने के बाद युवक का कोरोना टेस्ट किया गया था जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है. युवक को कोरोना संदिग्ध मानते हुए अस्पताल में इलाज किया जा रहा था लेकिन रविवार की शाम अचानक युवक ने फल काटने के चाकू से खुद का गला काटकर आत्महत्या कर ली.
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परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मौके पर पहुंचे युवक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में उसकी हत्या हुई है. परिजनों का आरोप है कि युवक ने दिन में उन्हें फोन कर कहा था कि यहां व्यवस्थाएं ठीक नहीं है और यहां उसे कसाईघर जैसा महसूस हो रहा है. मृतक के परिजनों ने अस्पताल के एक डॉक्टर और वॉर्ड ब्वॉय पर हत्या का आरोप लगाया है. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है.