जबलपुर। कोरोना ने मानवीय रिश्तों को तार-तार कर दिया है. बीमारी का खौफ ऐसा कि संक्रमित दंपति में पति की मौत के बाद उनके परिजनों ने उनका साथ छोड़ दिया और कोई भी रिश्तेदार बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को तैयार नहीं था. ऐसे में शहर की मोक्ष संस्था सामने आई. जिसकी मदद से पत्नी ने अपने पति का अंतिम संस्कार किया. क्योंकि दंपति की कोई संतान नहीं थी तो पत्नी ने ही अपने पति को मुखाग्नि दी.बता दें पत्नी भी कोरोना संक्रमित है. जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
कोरोना के कारण रिश्तों में सोशल डिस्टेंसिंग की ये कहानी शहर के विजयनगर इलाके की है. जहां एक बुजुर्ग दंपति कोरोना पॉजिटव पाए गए थे. जिसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इसी दौरान संक्रमण के चलते पति की मौत हो गई. शहर की मोक्ष संस्था ने कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए चोहानी श्मशान घाट में व्यवस्था की. जहां पति ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ पति को अंतिम विदाई दी.
समाजसेवी आशीष ठाकुर ने बताया कि शहर में आए दिन कोरोना पीड़ित मरीजों की मौतें हो रहीं हैं. ऐसे में जो भी उनकी संस्था से मदद की गुहार लगाता है. उनकी वे मदद करते हैं. उन्हें इस दंपति के बारे में जानकारी मिली थी. जिसके बाद उनकी टीम ने बुजुर्ग महिला की मदद की. बता दें समाजसेवी आशीष ठाकुर मोक्ष संस्था से हैं. ये संस्था पिछले 20 सालों से लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करती आ रही है. अब कोरोना के चलते जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार भी ये संस्था कर रही है.
जिले में लगातार कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है. अब तक तक संक्रमण के चलते 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि संक्रमण के मामले 892 हो गए हैं. जिनमें करीब 552 मरीज स्वस्थ हो गए हैं. वहीं अभी भी 317 केस एक्टिव हैं.