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MP Elections 2023: नर्मदा पूजा से कांवड़ यात्रा, मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने पकड़ी धर्म की राह, BJP के वोटबैंक में बड़ी सेंध! - हिंदुत्व की राह पर कांग्रेस

बीजेपी पर सालों से धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने एमपी में विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले धर्म की राह पकड़ ली है.

Digvijay Singh in jabalpur
कांवड़ यात्रा में दिग्विजय सिंह
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Published : Jul 18, 2023, 11:25 AM IST

दिग्विजय सिंह ने कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया

जबलपुर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना धर्मनिरपेक्षता का चेहरा लगभग पूरी तरह से बदल दिया है और कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ गई है. भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से राजनीति में हिंदू धर्म को आधार बनाया अब वही राह कांग्रेस ने पकड़ ली है. चुनाव प्रचार की शुरुआत ही प्रियंका गांधी ने पूजा पाठ से की थी और छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने रामकथा का आयोजन करवाया. सोमवार को जबलपुर में दिग्विजय सिंह कावड़ यात्रा में शामिल हुए और कांग्रेसी नेता बड़े पैमाने पर अपने-अपने क्षेत्रों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं.

पूजा पाठ में मग्न प्रियंका गांधी: कांग्रेसी नेता अक्सर भारतीय जनता पार्टी को इसलिए कोसते थे कि वह राजनीति में धार्मिक भावनाओं को इस्तेमाल करके लोगों से वोट ले रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी का यह फार्मूला सफल रहा इसलिए कांग्रेस ने भी मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज ही हिंदुत्व के तरीके से किया और प्रियंका गांधी ने जबलपुर में नर्मदा के गौरी घाट में पूरे कर्मकांड के साथ नर्मदा पूजन किया और उसके बाद ही चुनाव प्रचार का आगाज किया.

Priyanka Gandhi worshiping Narmada at Gauri Ghat
गौरी घाट नमेंनर्मदा पूजन कर रहीं प्रियंका गांधी

कमलनाथ की राम कथा: ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व का कांग्रेस के भीतर किसी ने विरोध ना किया हो कुछ कांग्रेसी नेताओं ने खुले मंच पर आकर सॉफ्ट हिंदुत्व के प्रयोग को गलत बताया और इसके नुकसान की संभावना भी जताई है लेकिन यह सिलसिला नहीं रुक रहा है अब कमलनाथ ने भी छिंदवाड़ा में रामकथा का आयोजन करवाया और भगवाधारी बागेश्वर धाम के प्रमुख संत धीरेंद्र शास्त्री को ही रामकथा के लिए आमंत्रित किया.

दिग्विजय सिंह की कावड़ यात्रा: सावन सोमवार में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर मुहर लगा दी और वह जबलपुर के ग्वारीघाट में ही एक बार फिर एक धार्मिक आयोजन कावड़ यात्रा में शामिल हुए और नंगे पैर काफी दूर तक पैदल चले. इस बीच में उन्होंने कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की. किसी ने पूछा तो केवल बोलो बम का नारा दिया. हालांकि दिग्विजय सिंह इसके पहले भी नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा कर चुके हैं जो दिग्विजय सिंह की व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा थी.

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कांग्रेसियों के धार्मिक आयोजन: कांग्रेसी इन दिनों धार्मिक आयोजनों में व्यस्त हैं जबलपुर में पूर्व विधानसभा के विधायक लखन घनघोरिया शिव पुराण का आयोजन करवा रहे हैं. जबलपुर के कांग्रेस अध्यक्ष और महापौर जगत बहादुर सिंह मां वैष्णो देवी के लिए ट्रेन से लोगों को धार्मिक यात्राएं करवा रहे हैं. नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा के विधायक संजय शर्मा ने रावतपुरा सरकार के सानिध्य में बड़ा धार्मिक आयोजन करवाया. मध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने जया किशोरी को जबलपुर में बुलवाकर धार्मिक आयोजन किया. कांग्रेस के नेताओं को भी इस बात का एहसास हो गया है कि जनता उनके राजनीतिक भाषण सुनने नहीं आ रही लेकिन उनके धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है.

पशोपेश में जनता कौन हिंदुत्ववादी: चुनाव के मुहाने पर सभी को उम्मीद थी कि कांग्रेसी धर्मों में प्रदर्शनों में आंदोलनों में नजर आएंगे लेकिन इस बार कांग्रेसी यज्ञ में राम कथाओं में कांवड़ यात्राओं में मंदिरों में और अनुष्ठानों में नजर आ रहे हैं. राजनीति में धर्म का प्रयोग नहीं होना चाहिए, धर्म निजी आस्था का विषय था कांग्रेस ऐसा आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाती थी और अब कांग्रेस ने भी धर्म का सहारा लेना शुरू कर दिया है. जनता के सामने यह पशोपेश है कि कौन ज्यादा धार्मिक है और भारतीय जनता पार्टी के धर्म के आधार पर बहुसंख्यक हिंदुओं के वोट बैंक में कांग्रेस ने सेंधमारी कर दी है. इसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है कांग्रेसियों के धार्मिक आयोजनों में आम जनता की भीड़ इस बात की ओर इशारा कर रही है कि राम तेरे भी हैं और राम मेरे भी .

दिग्विजय सिंह ने कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया

जबलपुर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना धर्मनिरपेक्षता का चेहरा लगभग पूरी तरह से बदल दिया है और कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ गई है. भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से राजनीति में हिंदू धर्म को आधार बनाया अब वही राह कांग्रेस ने पकड़ ली है. चुनाव प्रचार की शुरुआत ही प्रियंका गांधी ने पूजा पाठ से की थी और छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने रामकथा का आयोजन करवाया. सोमवार को जबलपुर में दिग्विजय सिंह कावड़ यात्रा में शामिल हुए और कांग्रेसी नेता बड़े पैमाने पर अपने-अपने क्षेत्रों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं.

पूजा पाठ में मग्न प्रियंका गांधी: कांग्रेसी नेता अक्सर भारतीय जनता पार्टी को इसलिए कोसते थे कि वह राजनीति में धार्मिक भावनाओं को इस्तेमाल करके लोगों से वोट ले रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी का यह फार्मूला सफल रहा इसलिए कांग्रेस ने भी मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज ही हिंदुत्व के तरीके से किया और प्रियंका गांधी ने जबलपुर में नर्मदा के गौरी घाट में पूरे कर्मकांड के साथ नर्मदा पूजन किया और उसके बाद ही चुनाव प्रचार का आगाज किया.

Priyanka Gandhi worshiping Narmada at Gauri Ghat
गौरी घाट नमेंनर्मदा पूजन कर रहीं प्रियंका गांधी

कमलनाथ की राम कथा: ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व का कांग्रेस के भीतर किसी ने विरोध ना किया हो कुछ कांग्रेसी नेताओं ने खुले मंच पर आकर सॉफ्ट हिंदुत्व के प्रयोग को गलत बताया और इसके नुकसान की संभावना भी जताई है लेकिन यह सिलसिला नहीं रुक रहा है अब कमलनाथ ने भी छिंदवाड़ा में रामकथा का आयोजन करवाया और भगवाधारी बागेश्वर धाम के प्रमुख संत धीरेंद्र शास्त्री को ही रामकथा के लिए आमंत्रित किया.

दिग्विजय सिंह की कावड़ यात्रा: सावन सोमवार में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर मुहर लगा दी और वह जबलपुर के ग्वारीघाट में ही एक बार फिर एक धार्मिक आयोजन कावड़ यात्रा में शामिल हुए और नंगे पैर काफी दूर तक पैदल चले. इस बीच में उन्होंने कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की. किसी ने पूछा तो केवल बोलो बम का नारा दिया. हालांकि दिग्विजय सिंह इसके पहले भी नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा कर चुके हैं जो दिग्विजय सिंह की व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा थी.

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पशोपेश में जनता कौन हिंदुत्ववादी: चुनाव के मुहाने पर सभी को उम्मीद थी कि कांग्रेसी धर्मों में प्रदर्शनों में आंदोलनों में नजर आएंगे लेकिन इस बार कांग्रेसी यज्ञ में राम कथाओं में कांवड़ यात्राओं में मंदिरों में और अनुष्ठानों में नजर आ रहे हैं. राजनीति में धर्म का प्रयोग नहीं होना चाहिए, धर्म निजी आस्था का विषय था कांग्रेस ऐसा आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाती थी और अब कांग्रेस ने भी धर्म का सहारा लेना शुरू कर दिया है. जनता के सामने यह पशोपेश है कि कौन ज्यादा धार्मिक है और भारतीय जनता पार्टी के धर्म के आधार पर बहुसंख्यक हिंदुओं के वोट बैंक में कांग्रेस ने सेंधमारी कर दी है. इसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है कांग्रेसियों के धार्मिक आयोजनों में आम जनता की भीड़ इस बात की ओर इशारा कर रही है कि राम तेरे भी हैं और राम मेरे भी .

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