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राज्य सरकार की सहभागिता से हो रहा है हिरन नदी से अवैध रेत खनन- कांग्रेस

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Published : Dec 14, 2020, 2:12 PM IST

जबलपुर में नदियों का सीना छलनी कर रेत निकाला जा रहा है, हद तो तब हो गई जब रेत खनन करने वालों ने अपना टोल नाका लगाकर फर्जी पर्चियां भी देना शुरू कर दिया. इधर अवैध रेत खनन और परिवहन को लेकर जहां खनिज विभाग अब कार्रवाई की बात कर रहा है तो कांग्रेस ने अवैध रेत खनन को सरकार की सहभागिता बताया है.

Illegal sand mining is being done continuously from the deer river
हिरन नदी से लगातार हो रहा अवैध रेत खनन

जबलपुर। जबलपुर में सरकार और प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी अवैध रेत खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सिहोरा विधानसभा के गोशलपुर इलाके से लगे हिरन नदी क्षेत्र में रोजाना लाखों रुपए की रेत निकाल कर बेची जा रही है. इतना ही नहीं खननकर्ताओं ने घाट में आने जाने वाले ट्रैक्टर को बकायदा टैक्स की रसीद भी दी है. जिसके माध्यम से एक ट्रॉली से दो से तीन हजार रुपये वसूले जाते हैं. जानकारी के मुताबिक रोजाना करीब 50 से 60 ट्रैक्टर ट्रॉली नदी से रेत निकाल कर ले जाते हैं.

हिरन नदी से लगातार हो रहा अवैध रेत खनन


खनिज विभाग नहीं करता कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि खननकर्ता हिरन नदी का सीना छलनी करने में लगे हुए हैं और प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं है. कुछ ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अपनी आवाज उठाते हुए कलेक्टर-एसपी से अवैध खनन को लेकर शिकायत की. पर हालात जस का तस ही रहे. लिहाजा आज भी हिरन नदी से अवैध खनन बदस्तूर जारी है.


अवैध खनन पर प्रशासन बना मूक दर्शक
स्थानीय ग्रामीणों ने हमें वह रसीद भी दिखाई जो कि खननकर्ताओं अवैध रेत परिवहन के लिए ट्रैक्टर चालक को दिया करते हैं और उसके बदले उनसे दो से तीन हजार रुपये लिया करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रेत का यह अवैध खेल चल रहा है. पर पुलिस प्रशासन है कि मूकदर्शक बना हुआ सब कुछ देख रहा है.


घाट में मिला रेत का अवैध स्टॉक और बोट
ग्रामीणों की शिकायत पर जब हिरण नदी के उस घाट पर जा कर देखा गया तो वहां रेत का स्टॉक के साथ कुछ बोट भी खड़ी थी. इस दौरान यह भी देखा गया कि खननकर्ताओं ने रेत परिवहन के लिए उन रास्तों का उपयोग करते हैं जो कि जंगल के बीच से गुजरती है. वहीं घोराकोनी घाट के बाहर एक झोपड़ी बनी हुई है. ग्रामीणों के मुताबिक अवैध नाका यहीं से ही संचालित होता है.


खनिज अधिकारी ने दी अवैध खनन पर सफाई
बीते कई सालों से हिरन नदी में हो रहे अवैध खनन की जानकारी जिला प्रशासन सहित पुलिस और खनिज विभाग को भी है. बावजूद इसके जब जिला खनिज अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि हिरन नदी में चल रहा रेत के परिवहन के लिए टेंडर हुआ है. अवैध रसीद को लेकर उनका कहना है कि निश्चित रूप से अगर रेत परिवहन के लिए ठेकेदार कोई रसीद चला रहा है तो वह गलत है. खनिज विभाग ने संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना की कार्रवाई करने की बात की है.


राज्य सरकार के सहभागिता से हो रहा है अवैध रेत का खनन-कांग्रेस

हिरन नदी में हो रहे अवैध रेत खनन पर स्थानीय ग्रामीणों ने जहां जिला प्रशासन और खनिज विभाग पर संलिप्तता का आरोप लगाया. तो वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश सरकार की सहभागिता से रेत खनन होने की बात कही है. पूर्व समाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि सिर्फ सहायक नदी ही नहीं बल्कि नर्मदा में खुलेआम रेत का खनन चल रहा है और इस अवैध खनन में प्रदेश सरकार के मंत्री सहित कई बड़े रसूख लोग शामिल है. जिनकी शह में अवैध खनन जोर-शोर से पनप रहा है.

जबलपुर। जबलपुर में सरकार और प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी अवैध रेत खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सिहोरा विधानसभा के गोशलपुर इलाके से लगे हिरन नदी क्षेत्र में रोजाना लाखों रुपए की रेत निकाल कर बेची जा रही है. इतना ही नहीं खननकर्ताओं ने घाट में आने जाने वाले ट्रैक्टर को बकायदा टैक्स की रसीद भी दी है. जिसके माध्यम से एक ट्रॉली से दो से तीन हजार रुपये वसूले जाते हैं. जानकारी के मुताबिक रोजाना करीब 50 से 60 ट्रैक्टर ट्रॉली नदी से रेत निकाल कर ले जाते हैं.

हिरन नदी से लगातार हो रहा अवैध रेत खनन


खनिज विभाग नहीं करता कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि खननकर्ता हिरन नदी का सीना छलनी करने में लगे हुए हैं और प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं है. कुछ ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अपनी आवाज उठाते हुए कलेक्टर-एसपी से अवैध खनन को लेकर शिकायत की. पर हालात जस का तस ही रहे. लिहाजा आज भी हिरन नदी से अवैध खनन बदस्तूर जारी है.


अवैध खनन पर प्रशासन बना मूक दर्शक
स्थानीय ग्रामीणों ने हमें वह रसीद भी दिखाई जो कि खननकर्ताओं अवैध रेत परिवहन के लिए ट्रैक्टर चालक को दिया करते हैं और उसके बदले उनसे दो से तीन हजार रुपये लिया करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रेत का यह अवैध खेल चल रहा है. पर पुलिस प्रशासन है कि मूकदर्शक बना हुआ सब कुछ देख रहा है.


घाट में मिला रेत का अवैध स्टॉक और बोट
ग्रामीणों की शिकायत पर जब हिरण नदी के उस घाट पर जा कर देखा गया तो वहां रेत का स्टॉक के साथ कुछ बोट भी खड़ी थी. इस दौरान यह भी देखा गया कि खननकर्ताओं ने रेत परिवहन के लिए उन रास्तों का उपयोग करते हैं जो कि जंगल के बीच से गुजरती है. वहीं घोराकोनी घाट के बाहर एक झोपड़ी बनी हुई है. ग्रामीणों के मुताबिक अवैध नाका यहीं से ही संचालित होता है.


खनिज अधिकारी ने दी अवैध खनन पर सफाई
बीते कई सालों से हिरन नदी में हो रहे अवैध खनन की जानकारी जिला प्रशासन सहित पुलिस और खनिज विभाग को भी है. बावजूद इसके जब जिला खनिज अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि हिरन नदी में चल रहा रेत के परिवहन के लिए टेंडर हुआ है. अवैध रसीद को लेकर उनका कहना है कि निश्चित रूप से अगर रेत परिवहन के लिए ठेकेदार कोई रसीद चला रहा है तो वह गलत है. खनिज विभाग ने संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना की कार्रवाई करने की बात की है.


राज्य सरकार के सहभागिता से हो रहा है अवैध रेत का खनन-कांग्रेस

हिरन नदी में हो रहे अवैध रेत खनन पर स्थानीय ग्रामीणों ने जहां जिला प्रशासन और खनिज विभाग पर संलिप्तता का आरोप लगाया. तो वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश सरकार की सहभागिता से रेत खनन होने की बात कही है. पूर्व समाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि सिर्फ सहायक नदी ही नहीं बल्कि नर्मदा में खुलेआम रेत का खनन चल रहा है और इस अवैध खनन में प्रदेश सरकार के मंत्री सहित कई बड़े रसूख लोग शामिल है. जिनकी शह में अवैध खनन जोर-शोर से पनप रहा है.

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