जबलपुर। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक ली. बैठक में सीएम ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की लापरवाही से हुई मौत मामले में तल्ख तेवर दिखाए. उन्होंने कहा कि मामले में कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा. आपदा के समय में ऐसे लोग जानवरों से भी परे हो गए हैं.
सीएम ने ट्वीट कर किया था स्वागत के लिए मना
दरअसल, सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक लेने जबलपुर पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर कोई भी अधिकारी उनके स्वागत में नहीं पहुंचा. दरअसल, सीएम शिवराज सिंह ने स्वयं ही इस संदर्भ में भोपाल से निकलने से पहले सुबह एक ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि उनके काफिले में केवल वही लोग शामिल हों, जिनकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही कोई अधिकारी उनका एयरपोर्ट पर स्वागत करने नहीं आएगा.
स्वागत के लिए नहीं पहुंचे डीएम और सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इस अपील का असर नजर आया. कोरोना वायरस के मुद्दे पर आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में केवल चुने हुए जनप्रतिनिधि शामिल हुए. भारतीय जनता पार्टी की ओर से केवल नगर अध्यक्ष ही यहां पहुंचे. वह भी मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल नहीं हुए. बता दें कि सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री के आने या जाने पर शहर के पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर मुख्यमंत्री को एयरपोर्ट पर छोड़ने और उनका स्वागत करने के लिए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
'सीबीआई जांच की जरूरत नहीं'
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में 500 बिस्तर के कोविड-19 सेंटर का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि जिन लोगों ने नकली इंजेक्शन से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी ठुकरा दी.
आरोपियों पर होगी कार्रवाई
जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद सीएम ने मीडिया से चर्चा की. मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि दवाइयों और इंजेक्शन के मामले में गड़बड़ी करने वाला आदमी कहलाने के लायक नहीं है, वह नरपिशाच है. सीएम ने कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा. पूरे प्रदेश में ऐसे कई लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई हुई है. इन सभी को कड़ी सजा दी जाएगी.
इंजेक्शन, दवाईयों के मामले में गड़बड़ी करने वाले नरपिशाच हैं: सीएम शिवराज
जबलपुर में गैलेक्सी अस्पताल में पांच लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले के दौरान मुख्यमंत्री का जबलपुर आना कई सवाल खड़े कर रहा है. लोगों का कहना यह भी है क्या इतने बड़े हादसों के बाद भी जबलपुर शहर की प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.