जबलपुर। निजी स्कूल एक बार फिर फीस वृद्धि को लेकर कड़ा रुख अपना रहे हैं. राज्य सरकार ने स्कूल फीस में बढ़ोतरी ना करने का आदेश जारी किया है, लेकिन निजी स्कूल एसोसिएशन इसको मानने को तैयार नहीं है. आज ऑनलाइन क्लास नहीं ला जी रही है. ये सांकेतिक हड़ताल है. वहीं नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा है कि निजी स्कूल यदि फीस बढ़ाता है तो हम हाई कोर्ट जाएंगे.
निजी स्कूल एसोसिएशन को कानूनी नोटिस जारी
जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने निजी स्कूल एसोसिएशन को कानूनी नोटिस जारी किया है. मंच का कहना है कि यदि निजी स्कूल एसोसिएशन ने हड़ताल वापस नहीं ली और स्कूल फीस वृद्धि का फैसला वापस नहीं लिया, तो मंच इनके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगा.
हाई कोर्ट ने दिया था फीस ना बढ़ाने का आदेश
इसके पहले भी नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने स्कूल फीस के मुद्दे पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कोर्ट ने फैसला दिया था कि कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं. इसलिए फीस ना बढ़ाई जाए. केवल ट्यूशन फीस ही ली जाए. मंच का कहना है कि कोर्ट का आदेश पूरे कोरोना संक्रमण काल तक है. अभी कोरोना वायरस का कहर खत्म नहीं हुआ है. जबकि निजी स्कूल कह रहे हैं कि कोर्ट का आदेश 2020 और 21 के लिए था. इसलिए अब फीस बढ़ा सकते हैं.
नैतिकता के पैमाने पर फीस बढ़ाना गलत
मंच ने कहा है कि नैतिकता के पैमाने पर देखें तो स्कूलों का फीस वृद्धि करना गलत है, क्योंकि अभी भी लोगों का कामकाज पटरी पर नहीं आया है. बहुत सारे लोगों को कारोबार में नुकसान हुए हैं. बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई हैं. ऐसे में यदि स्कूल फीस बढ़ जाती है, तो आम आदमी परेशान हो जाएगा.
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स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए फीस ना बढ़ाने के आदेश
निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने की चेतावनी के बाद School Education Department की तरफ से भी निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने के आदेश जारी कर दिए है. साथ ही जिन स्कूलों ने बढ़ी हुई फीस ली है, उन छात्रों की आगामी ली जाने वाली फीस में एडजस्ट करना होगा.