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कोरोना काल में 'लूट का अड्डा' बने अस्पताल, जांच के बहाने कर रहे वसूली

जबलपुर में निजी अस्पताल अपनी मनमानी और लूट करने से बाज नहीं आ रहे हैं. शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए निजी अस्पताल में अभी भी मरीजों से 5000 रुपये से ज्यादा वसूला जा रहा हैं.

City Hospital Jabalpur
सिटी हॉस्पिटल
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Published : Apr 10, 2021, 12:23 AM IST

Updated : Apr 10, 2021, 11:14 AM IST

जबलपुर। पूरे प्रदेश के साथ कोरोना संक्रमण (Corona infection) के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए सीटी स्कैन (CT scan) करवाना अनिवार्य हो गया है. लिहाजा निजी अस्पताल मरीजों से ज्यादा रुपए वसूल रहे हैं. इसके लिए सरकार ने एक गाइडलाइन भी जारी कर दी है और इस गाइडलाइन (Guideline) के तहत सीटी स्कैन कराने का जो चार्ज है वह 3000 रुपये है, इसके बावजूद जबलपुर में निजी अस्पताल अपनी मनमानी और लूट करने से बाज नहीं आ रहे हैं. शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए निजी अस्पताल में अभी भी मरीजों से 5000 रुपये से ज्यादा वसूला जा रहा हैं.

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा

'सिटी हॉस्पिटल' ले रहा है सीटी स्कैन के 5175 रुपये

जिले के सबसे बड़े अस्पताल, सिटी हॉस्पिटल (City Hospital Jabalpur) पर ज्यादा पैसे लेने के आरोप लग रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) और जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) के सख्त निर्देश के बावजूद, सिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के लिए 5175 रुपये लिए जा रहे हैं. ताज्जुब की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन को भी इस विषय की जानकारी है. बावजूद इसके अस्पताल में धड़ल्ले से मन माफिक रुपये लिए जा रहे हैं.

Oxygen supply in MP: तीन गुना हुई ऑक्सीजन आपूर्ति, हर महीने आएंगे एक लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन

अस्पताल प्रबंधन का 'खंडन'

सिटी हॉस्पिटल के प्रबधंन एसएस मोखा से जब सीटी स्कैन करवाने को लेकर अधिक राशि लेने की बात की तो उनका कहना था शासन का आदेश आते ही 3000 रुपये लिया जा रहे हैं. लेकिन जब उनको हकीकत बताई तो वो चुप हो गए. उन्होंने ये कहा कि अगर अधिक रुपये लिए जा रहे हैं तो मना किया जाएगा.

hospital bill
अस्पताल का बिल
'वसूली' जा रही है अधिक राशि

मध्य प्रदेश सरकार ने सिटी स्कैन जांच की और कोरोना वायरस की फीस निर्धारित कर दी है. राज्य सरकार ने सीटी स्कैन के 3000 रुपये एवं कोरोना वायरस के 700 रुपये निर्धारित किए है. बावजूद इसके अभी भी शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों में मनमानी राशि वसूली जा रही हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि इन बड़े अस्पतालों को शासन के आदेश की परवाह ही नहीं है.

कलेक्टर के संज्ञान में आया मामला

ईटीवी भारत ने जब इस पूरे वाक्या से जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को अवगत करवाया तो उनका कहना है कि इसकी जांच करवाई जाएगी. इसके साथ ही जबलपुर वासियों से अपील की है जिन्हें भी निजी अस्पताल संबधित शिकायत है वह मूख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी लिखित में शिकायत दे सकता है और इस शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। पूरे प्रदेश के साथ कोरोना संक्रमण (Corona infection) के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए सीटी स्कैन (CT scan) करवाना अनिवार्य हो गया है. लिहाजा निजी अस्पताल मरीजों से ज्यादा रुपए वसूल रहे हैं. इसके लिए सरकार ने एक गाइडलाइन भी जारी कर दी है और इस गाइडलाइन (Guideline) के तहत सीटी स्कैन कराने का जो चार्ज है वह 3000 रुपये है, इसके बावजूद जबलपुर में निजी अस्पताल अपनी मनमानी और लूट करने से बाज नहीं आ रहे हैं. शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए निजी अस्पताल में अभी भी मरीजों से 5000 रुपये से ज्यादा वसूला जा रहा हैं.

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा

'सिटी हॉस्पिटल' ले रहा है सीटी स्कैन के 5175 रुपये

जिले के सबसे बड़े अस्पताल, सिटी हॉस्पिटल (City Hospital Jabalpur) पर ज्यादा पैसे लेने के आरोप लग रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) और जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) के सख्त निर्देश के बावजूद, सिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के लिए 5175 रुपये लिए जा रहे हैं. ताज्जुब की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन को भी इस विषय की जानकारी है. बावजूद इसके अस्पताल में धड़ल्ले से मन माफिक रुपये लिए जा रहे हैं.

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अस्पताल प्रबंधन का 'खंडन'

सिटी हॉस्पिटल के प्रबधंन एसएस मोखा से जब सीटी स्कैन करवाने को लेकर अधिक राशि लेने की बात की तो उनका कहना था शासन का आदेश आते ही 3000 रुपये लिया जा रहे हैं. लेकिन जब उनको हकीकत बताई तो वो चुप हो गए. उन्होंने ये कहा कि अगर अधिक रुपये लिए जा रहे हैं तो मना किया जाएगा.

hospital bill
अस्पताल का बिल
'वसूली' जा रही है अधिक राशि

मध्य प्रदेश सरकार ने सिटी स्कैन जांच की और कोरोना वायरस की फीस निर्धारित कर दी है. राज्य सरकार ने सीटी स्कैन के 3000 रुपये एवं कोरोना वायरस के 700 रुपये निर्धारित किए है. बावजूद इसके अभी भी शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों में मनमानी राशि वसूली जा रही हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि इन बड़े अस्पतालों को शासन के आदेश की परवाह ही नहीं है.

कलेक्टर के संज्ञान में आया मामला

ईटीवी भारत ने जब इस पूरे वाक्या से जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को अवगत करवाया तो उनका कहना है कि इसकी जांच करवाई जाएगी. इसके साथ ही जबलपुर वासियों से अपील की है जिन्हें भी निजी अस्पताल संबधित शिकायत है वह मूख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी लिखित में शिकायत दे सकता है और इस शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 10, 2021, 11:14 AM IST
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