जबलपुर। केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण के खिलाफ देशभर के कर्मचारी एक साथ आ गए हैं. रक्षा मंत्रालय की चार फैक्ट्रियां जबलपुर में भी हैं, जिनके कर्मचारियों को स्थानीय सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से उम्मीद थी कि वे फैक्ट्रियों के निजीकरण का मुद्दा लोकसभा में रखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
कर्मचारियों का गुस्सा तब और फूट गया जब राकेश सिंह ने बयान दिया कि केंद्र सरकार जो कुछ कर रही है, वह कर्मचारियों के हित में है और जो निर्णय होंगे, वह संस्थानों के हित में होंगे.
कर्मचारियों ने राकेश सिंह पर लगाए आरोप
अब कर्मचारियों का कहना है कि अगर सुरक्षा संस्थान निजी हाथों में जाएंगे, तो सेना को दिए जाने वाला गोला-बारूद पूंजीपति ऊंची कीमत में डकैत या फिर आतंकवादी को भी दे सकेंगे. कर्मचारी नेता अरुण दुबे का कहना है कि सांसद राकेश सिंह से उन्हें बहुत उम्मीद थी, लेकिन वे सरकार के प्रतिनिधि हैं और जैसा सरकार चाहेगी वैसा ही सांसद महोदय बोलेंगे.
40 सुरक्षा संस्थान के कर्मचारी हड़ताल पर
अरुण दुबे ने कहा कि इस मामले में राकेश सिंह की चुप्पी बताती है कि राकेश सिंह कंपनियों के निजीकरण के लिए तैयार हैं. कर्मचारियों की 20 अगस्त से 1 माह तक चलने वाली हड़ताल सुनिश्चित हो चुकी है, जिसमें देशभर के 40 सुरक्षा संस्थान सहित सहयोगी कार्यालय भी सहमति दे चुके हैं.