जबलपुर। कोरोना काल में प्रदेश सरकार का हर वर्ग के लिए मदद का दावा खोखला साबित होता दिख रहा है. अन्य वर्ग के लोगों के साथ-साथ प्रदेश के बस चालक और परिचालक भी प्रदेश सरकार द्वारा धोखा दिए जाने की बात कह रहे हैं. दरअसल, शिवराज सरकार ने राज्य के अंदर बस चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन लॉकडाउन भी लगा दिया. सवारियां ना मिलने के कारण बस खड़ी हो गई हैं. ऐसे में चालक-परिचालक के साथ उनके परिवार की भी हालत बिगड़ गई है, इस बीच सरकार ने उनकी आर्थिक स्थिति पर भी ध्यान नहीं दिया.
बता दें कि चालक-परिचालक की खराब माली हालत को ठीक करने का जिम्मा सरकार नहीं उठाना चाह रही है. यही कारण है कि प्रदेशभर के ड्राइवर और कंडक्टर अपने आपको हर तरफ से ठगा महसूस कर रहे हैं, बीते 2 माह से लगे लॉकडाउन में ना ही बस मालिकों ने चालक कंडक्टर की परवाह की और ना ही सरकार ने. शहर आईएसबीटी बस स्टैंड से प्रदेश सहित महाराष्ट्र- उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बसों का संचालन होता है. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. जिसके चलते लोग अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है. ऐसे में सवारी ना मिलने से बसे भी जहां की तहां खड़ी हो गई, बसों के संचालित ना होने से ड्राइवर और कंडक्टर की माली हालत खराब हो गई.
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सरकार से लगाई मदद की गुहार
राज्य सरकार की अनदेखी और बस मालिकों की नाफरमानी के चलते बस चालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में परिचालकों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती तो समूचे प्रदेश के बस ड्राइवर और कंडक्टर एक साथ बसों को रोक देंगे. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा. इस बीच विपक्ष ने ड्राइवर और कंडक्टर की मदद करने का आश्वासन दिया है. इस बीच पूर्व विधायक निलेश अवस्थी ने कहा कि बस ड्राइवर और कंडक्टर की समस्या को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ से बात करेंगे.