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BSNL ने उजाड़ा हजारों पक्षियों का आशियाना, वन विभाग मामले की कराएगा उच्चस्तरीय जांच - mp news

पक्षियों के शोरगुल से परेशान होकर भारत संचार निगम लिमिटेड ने सैकड़ों पक्षियों के आशियानों को उजाड़ दिया. पेड़ कटने से हजारों पक्षी मारे गए, जिसके लिए वन विभाग उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कह रहा है.

बीएसएनएल ने उजाड़ा प्रवासी पक्षियों का घरौंदा
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Published : Oct 21, 2019, 7:02 PM IST

जबलपुर। सरकार पक्षियों को संरक्षित करने के लिए लगातार कवायद कर रही है, लेकिन इन सब से दूर हमारे देश में कुछ ऐसे विभाग भी हैं जो कि पक्षियों के शोरगुल को अपनी परेशानी समझते हैं. भारत संचार निगम लिमिटेड ने सैकड़ों पक्षियों के आशियानों को सिर्फ इसलिए उजड़वा दिया क्योंकि वह शोरगुल और गंदगी फैलाते हुए दुर्गंध पैदा कर रहे थे.

बीएसएनएल ने उजाड़ा प्रवासी पक्षियों का घरौंदा

भारत संचार निगम लिमिटेड के कैंपस में लगे दर्जनों पेड़ों को कटवाने के लिए दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने पहले पत्र लिखकर नगर निगम को सूचना दी और उसके बाद निजी ठेकेदारों से कटवा दिए दर्जनों पेड़. भारत संचार निगम के अधिकारियों ने यह देखने तक की जहमत नहीं उठाई कि कहीं उसमें पक्षियों और उनके बच्चों का आशियाना है.

पेड़ों के कटने के बाद जो नजारा देखने को मिला वह बेरहमी की हदों को पार करने वाला था. पेड़ कटते गए और उनमें रहने वाले प्रवासी मरते गए. बीएसएनएल के कार्यालय में हजारों पक्षी पेड़ कटने की वजह से मर गए. भारत संचार निगम के अधिकारियों की पूरी करतूत को वन विभाग भी गलत मान रहा है. फिलहाल वन विभाग अब बीएसएनएल को नोटिस देने के साथ उच्च स्तरीय जांच करवाने की तैयारी भी कर रहा है.

जबलपुर। सरकार पक्षियों को संरक्षित करने के लिए लगातार कवायद कर रही है, लेकिन इन सब से दूर हमारे देश में कुछ ऐसे विभाग भी हैं जो कि पक्षियों के शोरगुल को अपनी परेशानी समझते हैं. भारत संचार निगम लिमिटेड ने सैकड़ों पक्षियों के आशियानों को सिर्फ इसलिए उजड़वा दिया क्योंकि वह शोरगुल और गंदगी फैलाते हुए दुर्गंध पैदा कर रहे थे.

बीएसएनएल ने उजाड़ा प्रवासी पक्षियों का घरौंदा

भारत संचार निगम लिमिटेड के कैंपस में लगे दर्जनों पेड़ों को कटवाने के लिए दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने पहले पत्र लिखकर नगर निगम को सूचना दी और उसके बाद निजी ठेकेदारों से कटवा दिए दर्जनों पेड़. भारत संचार निगम के अधिकारियों ने यह देखने तक की जहमत नहीं उठाई कि कहीं उसमें पक्षियों और उनके बच्चों का आशियाना है.

पेड़ों के कटने के बाद जो नजारा देखने को मिला वह बेरहमी की हदों को पार करने वाला था. पेड़ कटते गए और उनमें रहने वाले प्रवासी मरते गए. बीएसएनएल के कार्यालय में हजारों पक्षी पेड़ कटने की वजह से मर गए. भारत संचार निगम के अधिकारियों की पूरी करतूत को वन विभाग भी गलत मान रहा है. फिलहाल वन विभाग अब बीएसएनएल को नोटिस देने के साथ उच्च स्तरीय जांच करवाने की तैयारी भी कर रहा है.

Intro:जबलपुर
मोबाइल टावर से निकल रहे रेडिएशन की तरंगों से जहां धीरे-धीरे पक्षियों की चहचहाहट कम हो रही है वहीं दूसरी ओर सरकार पक्षियों को भी संरक्षित करने के लिए लगातार कवायद कर रही है। पर इन सब से दूर हमारे देश में कुछ ऐसे विभाग भी हैं जो कि पक्षियों के शोरगुल को अपनी परेशानी समझते हैं।ताजा मामला जबलपुर का है जहां भारत संचार निगम लिमिटेड ने सैकड़ों पक्षियों के आधियांनो को सिर्फ इसलिए उजड़वा दिया क्योंकि वह शोरगुल और गंदगी फैलाते हुए दुर्गंध पैदा कर रहे थे।


Body:भारत संचार निगम लिमिटेड के कैंपस में लगे दर्जनों पेड़ों को कटवाने के लिए दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने पहले पत्र लिखकर नगर निगम को सूचना दी और उसके बाद निजी ठेकेदारों से कटवा दिए दर्जनों पेड़। भारत संचार निगम के अधिकारियों ने यह देखने तक की जहमत नहीं उठाई कि कहीं उसमें पक्षियों और उनके बच्चो का अभी भी रहवास तो नहीं है। इधर ठेकेदार ने भी अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हुए शुरू हो गए पेडों को काटने में पर पेड़ को कटने के बाद जो नजारा देखने को मिला वह बेरहमी की हदों को पार करने वाला था।पेड़ कटते गए और उनमें रहने वाले प्रवासी पक्षी समाते गए मौत के मुँह में।बीएसएनएल के कार्यालय में हजारों पक्षियों की आवाज एकाएक शांत हो गई।अपने आशियाने में बैठे पक्षियों के बच्चे तड़प तड़प कर नहीं मरे और ना ही भूख प्यास से बल्कि ये इंसानी कहर का शिकार हुए हैं।


Conclusion:जमीन पर मौत की नींद सो चुके परिंदों का सिर्फ इतना कसूर था कि इन्होंने अपना आशियाना सरकारी कार्यालय में बना लिया था और इस कार्यालय के अधिकारियों को इन पक्षियों से दुर्गंध आ रही थी। अचानक से ही का फरमान जारी होता है कि पेड़ काटने हैं।नगर निगम ने भी अपनी सहमति पेड़ काटने के लिए दे दी। फिर क्या था पेड़ों में चलने लगी कुल्हाड़ी।पेड़ कट रहे थे और फलों की तरह परिंदे नीचे गिर रहे थे।ऊंचाई से गिर रहे प्रवासी पक्षी कुछ मौत की नींद में सो गए और जो बच गए वह अब अपने परिवार को तलाश कर रहे हैं।हालांकि भारत संचार निगम के अधिकारियों की पूरी करतूत को वन विभाग भी कहीं ना कहीं गलत मान रहा है।फिलहाल वन विभाग अब बीएसएनएल को नोटिस देने के साथ उच्च स्तरीय जांच करवाने की तैयारी भी कर रहा है।
बाईट.1-bsnl में पदस्थ अधिकारी
बाईट.2-राज मणि त्रिपाठी..... डीएफओ,जबलपुर
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