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जबलपुर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी, 10,000 में बिक रहा इंजेक्शन - रेमडेसिविर इंजेक्शन

एमपी के जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन कि भारी किल्लत चल रही है, जिसके चलते अस्पतालों में इंजेक्शन की कालाबाजारी भी हो रही है. रेमडेसिविर 700 रुपये का इंजेक्शन अस्पतालों में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन
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Published : Apr 8, 2021, 5:37 PM IST

जबलपुर। कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इस बीमारी में सबसे ज्यादा कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन कि जबलपुर में भारी किल्लत चल रही है. अस्पतालों में इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है. रेमडेसिविर 700 रुपये का इंजेक्शन अस्पतालों में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत.

तीन कंपनियां बना रहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन
दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन को तीन कंपनियां बना रही हैं. इसमें एक कंपनी का इंजेक्शन का एमआरपी 900 रुपये है. बाजार में 720 रुपये में उपलब्ध है. वहीं एक कंपनी इस इंजेक्शन को 4500 रुपये में बेकती है. एक दूसरी कंपनी इसे 5400 रुपये में बेच रही है लेकिन अस्पतालों में 720 रुपये में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

सप्लाई धीरे से सुधरेगी
दवा बाजार में एक ही दुकान पर यह इंजेक्शन उपलब्ध हैं. इस दुकान के सप्लायर का कहना है कि उन्होंने कंपनियों को डिमांड भेजी थी, जिसकी सप्लाई अभी ही हुई है. अब हर मरीज को जरूरत के हिसाब से दो-दो इंजेक्शन दिए जाएंगे. दुकानदार का कहना है कि इसकी किल्लत इसलिए हुई कि कोरोना वायरस का प्रभाव बीते दिनों कम हो गया था इसलिए कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया. अब धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ रहा है. सप्लाई रुक-रुककर आ रही है. वहीं कुछ लोग डर के मारे इस इंजेक्शन को स्टॉक कर रहे हैं. इसकी वजह से भी इसकी कमी बाजार में है.

प्रशासन अब सतर्क
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी सरकारी अस्पतालों में बड़ी तेजी से आई. सरकार के पास इसको खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है. रेडक्रॉस ने जबलपुर सांसद से पैसों की मांग की थी. अब दोबारा इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए सरकारी तैयारी की जा रही है, जिस निजी सप्लायर से इस शहर में बांटा जा रहा है. वहां भी आज ड्रग इंस्पेक्टर और एसडीएम बैठे हुए हैं. जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल के प्रिसक्रिप्शन और आधार कार्ड को जांच कर दिया जा रहा है.

गरीबों को मुफ्त मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, ये है नई गाइडलाइन

कोरोनावायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है. जबलपुर के निजी और सरकारी अस्पतालों में वायरस के पीड़ित मरीज लगातार पहुंच रहे हैं. इससे जुड़ी दवाओं पर आपदा को अवसर मानने वाले लोग कालाबाजारी कर रहे हैं. सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है.

जबलपुर। कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इस बीमारी में सबसे ज्यादा कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन कि जबलपुर में भारी किल्लत चल रही है. अस्पतालों में इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है. रेमडेसिविर 700 रुपये का इंजेक्शन अस्पतालों में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत.

तीन कंपनियां बना रहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन
दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन को तीन कंपनियां बना रही हैं. इसमें एक कंपनी का इंजेक्शन का एमआरपी 900 रुपये है. बाजार में 720 रुपये में उपलब्ध है. वहीं एक कंपनी इस इंजेक्शन को 4500 रुपये में बेकती है. एक दूसरी कंपनी इसे 5400 रुपये में बेच रही है लेकिन अस्पतालों में 720 रुपये में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

सप्लाई धीरे से सुधरेगी
दवा बाजार में एक ही दुकान पर यह इंजेक्शन उपलब्ध हैं. इस दुकान के सप्लायर का कहना है कि उन्होंने कंपनियों को डिमांड भेजी थी, जिसकी सप्लाई अभी ही हुई है. अब हर मरीज को जरूरत के हिसाब से दो-दो इंजेक्शन दिए जाएंगे. दुकानदार का कहना है कि इसकी किल्लत इसलिए हुई कि कोरोना वायरस का प्रभाव बीते दिनों कम हो गया था इसलिए कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया. अब धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ रहा है. सप्लाई रुक-रुककर आ रही है. वहीं कुछ लोग डर के मारे इस इंजेक्शन को स्टॉक कर रहे हैं. इसकी वजह से भी इसकी कमी बाजार में है.

प्रशासन अब सतर्क
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी सरकारी अस्पतालों में बड़ी तेजी से आई. सरकार के पास इसको खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है. रेडक्रॉस ने जबलपुर सांसद से पैसों की मांग की थी. अब दोबारा इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए सरकारी तैयारी की जा रही है, जिस निजी सप्लायर से इस शहर में बांटा जा रहा है. वहां भी आज ड्रग इंस्पेक्टर और एसडीएम बैठे हुए हैं. जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल के प्रिसक्रिप्शन और आधार कार्ड को जांच कर दिया जा रहा है.

गरीबों को मुफ्त मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, ये है नई गाइडलाइन

कोरोनावायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है. जबलपुर के निजी और सरकारी अस्पतालों में वायरस के पीड़ित मरीज लगातार पहुंच रहे हैं. इससे जुड़ी दवाओं पर आपदा को अवसर मानने वाले लोग कालाबाजारी कर रहे हैं. सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है.

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