जबलपुर। आज हम लोग 21वीं सदी में जी रहे हैं. इस आधुनिक युग में भी लोग जादू टोना के शक में जान लेने में आमदा हैं. जबलपुर में जादू-टोने के शक में एक नहीं-दो नही बल्कि कई लोगों की जान गई है. महज 10 दिन के भीतर ही जादू-टोने के चलते 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. कुंडम-तिलवारा-माढ़ोताल और खमरिया में टोना टोटका के चलते हत्या की वारदात हुई है. (black magic in jabalpur)
बुजुर्ग दंपति की हत्या कर जला दी झोपड़ीः बरगी थाना के चौराई गांव में 9 जनवरी को आदिवासी किसान दंपति सुमरे सिंह कुलस्ते और सियाबाई की जघन्य हत्या कर दी गई थी. मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. हत्या की वारदात को उनके भतीजे ने ही अंजाम दिया था. भतीजे को शक था कि दोनों उस पर जादू-टोना कर रहे हैं. उसे ये लगने लगा था कि जब तक उसके बड़े पिता और मां जिंदा रहेंगे. तब तक उन लोगों को सुख से जीने नहीं देंगे. इसी कारण उसने रात में सोते समय बांका से हमला कर दोनों की हत्या कर दी और हत्या को हादसा बनाने के लिए झोपड़ी में आग लगा दी थी. (murder in jabalpur)
सिर काटकर दफना दिया 2 किलोमीटर दूरः विजय कुमार बरकड़े ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था. तिलवारा थाना पुलिस ने विजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपने पिता एवं साथियों के साथ मिलकर जादू टोना के शक पर गया. प्रसाद की हत्या करना स्वीकार किया. आरोपी विजय ने बताया कि उसकी मां और बहन हमेशा बीमार रहती थी. वे लोग देसी इलाज एवं झाड़ फूंक कराते थे, तो कुछ दिन ठीक रहती थी. बाद में फिर तबीयत खराब हो जाती थी. गांव में चर्चा थी कि गया प्रसाद चोरी-छिपे जादू टोना कर लोगों को परेशान करता है. विजय के कुछ साथी भी अपने परिजनों की बीमारी से परेशान थे. पांचों आरोपियों ने मड़ई मेला के दिन मड़ई समाप्त होने के बाद गया. प्रसाद की हत्या करने का प्लान बनाया था.
कुंडम में गुनिया की हत्या कर लाश टांग दी पेड़ परः इसी तरह से जादू टोने के शक पर कुण्डम में भी 50 साल के गुनिया की हत्या कर शव को पेड़ पर टांग दिया. कुंडम थाना के उचेहरा में 10 अप्रैल को गुनिया सुनील बरकड़े की हत्या हुई थी, सुनील की हत्या की वजह झाड़ फूंक थी. हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि जवारे विसर्जन के दौरान मुन्नू और फूल सहाय के परिवार में दो बच्चियों को भाव आ गया था. इसी भाव को उतारने के लिए दोनों बच्चियों को लेकर सुनील बरकड़े के पास लेकर पहुंचे और बच्चों के भाव उतारने को कहा पर जब बच्चियां ठीक नहीं हुई तो दोनों ने मिलकर गुनिया सुनील की हत्या कर दी. (Witchcraft in jabalpur)
20 अप्रैल को जादू टोना के शक पर पोता ने दादा की हत्या कर दीः माढ़ोताल थाना क्षेत्र में 71 वर्षीय नेतराम अहिरवार का कत्ल उनके पोते ने ही किया है. पोते को शक था कि दादा जादू टोना करते हैं. इसलिए उसके बच्चे नहीं हो पा रहे हैं. पोते ने दादा पर तलवार से 17 बार वार करते हुए जान ले ली. पुलिस ने मृतक नेतराम अहिरवार के पोते संदीप अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी संदीप अहिरवार ने जादू टोने के अंधविश्वास के कारण हत्या करने की बात कबूल की है.
खमरिया में सिरफिरे ने बुजुर्ग दंपति पर किया हमलाः खमरिया में कपिल यादव नाम के व्यक्ति ने बुजुर्ग दंपति पर तलवार से हमला कर दिया था. घटना में महिला की मौत हो गई थी, जबकि उनके पति की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने हत्यारे कपिल यादव को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी कपिल यादव को शक था कि दोनों झाड़ फूक करते हैं वह एवं उसका परिवार परेशान रहता है. पुलिस ने जादू टोने से जुड़े सभी हत्या के मामलों का खुलासा करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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आखिर क्यों आता है जादू टोने का शक दिमाग मेंः जादू टोने अंधविश्वास ने अभी तक न जाने कितने लोगों की जान ले ली है. पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आरोपी कहता है कि जादू टोना झाड़ फूंक के चलते मैं परेशान था इसलिए हत्या कर दी. हालांकि मनोचिकित्सकों का इस मामले में अलग राय होती है. मनोचिकित्सक डॉ स्वप्निल अग्रवाल बताते हैं कि इस तरह की प्रवृत्ति अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह की होती है. डॉक्टर बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति में जादू टोने, झाड़ फूंक को लेकर वहम होता है, तो वह दिमागी बीमारी होती है. इसे सीजोफोनिया-डिसऑर्डर कहते हैं. इस बीमारी में व्यक्ति विशेष को वहम की स्थिति बन जाती है, जिससे वह जादू टोना और झाड़-फूंक समझता है. इस को लेकर कई बार वह गंभीर अपराधों को भी अंजाम देता है.