जबलपुर। झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस से मिली हार के बाद अब बीजेपी कमलनाथ सरकार को किसान कर्जमाफी के मुद्ददे पर घेरने की रणनीति बना रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि 4 नवंबर को प्रदेश में होने वाले किसान आक्रोश आंदोलन में बीजेपी बिजली के बकाया बिल, फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा और किसान कर्जमाफी को लेकर सरकार के रवैये का विरोध करेगी.
राकेश सिंह का आरोप है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों को कर्ज माफी का लॉलीपॉप देकर वोट मांगे थे, लेकिन सरकार में आने के बाद कर्ज माफी योजना का स्वरूप बदल दिया गया और कमलनाथ सरकार के मंत्री ही मान रहे है कि किसानों का कर्जमाफ नहीं हुआ है. राकेश सिंह ने कहा कि वो कमलनाथ जी जो पहले कहा करते थे कि हमने किसानों का कर्जमाफ कर दिया है वो आज कह रहे हैं कि हमने आंशिक रूप से किसानों का कर्जमाफ किया है.
राकेश सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश में बिजली बिलों को हाफ करने की बात कही गई थी, लेकिन इसके उल्ट हुआ और किसानों को लंबे चौड़े बिल थपा दिये गये. उन्होंने कहा कि बढ़े हुए बिजली बिलों की होली जलाएंगे. राकेश सिंह ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल है और सीएम को इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए.
भारत कृषक समाज के अध्यक्ष केके अग्रवाल का कहना है कि किसानों की समस्याएं केवल कर्ज माफी और बिजली बिल तक सीमित नहीं है बल्कि किसानों को गेहूं का बोनस नहीं मिला है. धान का पूरा पंजीयन नहीं हो पाया है और ऐसी ही कई छोटी-छोटी समस्याएं हैं. बीजेपी को यह आंदोलन बहुत पहले शुरू करना चाहिए था.