जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी के मामलों को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है. जहरीले कचरने को नष्ट करने के मामले में हाई कोर्ट की युगलपीठ ने केंद्र सरकार को हलफनामे के साथ प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनाई 27 सितंबर को निर्धारित की गयी है. इस मामले में 19 साल पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछे. इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि जहरीले कचरे को निपटाने के लिए वित्त विभाग के पास प्रस्ताव विचाराधीन है.
याचिका में ये मांग की : बता दें कि भोपाल निवासी आलोक प्रताप सिंह की तरफ से वर्ष 2004 में दायर याचिका में भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में पड़ा करीब 350 मीट्रिक टन जहरीले कचरे के विनिष्टिकरण की मांग करते हुए याचिका दायर की गयी थी. उनकी मृत्यु के बाद हाईकोर्ट उक्त मामले की सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर कर रहा है. मामले की सुनवाई दौरान केन्द्र सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि 19 जून 2023 को ओवरसाइट कमेटी की बैठक हुई थी. राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कमेटी ने केन्द्र सरकार से इसके लिए 129 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की अनुशंसा की है.
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केंद्र सरकार ने जवाब पेश किया : कोर्ट को बताया गया कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने 10 जुलाई को मप्र सरकार के वित्त विभाग को अपेक्षित प्रस्ताव भेज दिया है. जल्द ही बजट स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरुद्दीन ने बताया कि मामला पिछले 39 साल से जहरीला कचरा पड़ा और दोनों ही सरकारे मामले में हीलाहवाली कर रही है. याचिका में राहत चाही गई कि कचरे के प्रबंधन में खर्च का पूरा हर्जाना आरोपी कंपनी से वसूला जाना चाहिये. युगलपीठ ने बजट की स्वीकृति के संबंध में अगली तारीख पर सुनवाई के निर्देश देते हुए उक्त आदेश जारी किए.