जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस सुबोध अभ्यकंर की एकलपीठ ने भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाले आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है. उसका यह तर्क निराधार है कि मां और भाई ने उसके खिलाफ साजिश की है.
एटीएस ने भोपाल सांसद को धमकी भरे पत्र भेजने के मामले में नांदेड़ के धानेगांव निवासी डॉ. सैय्यद अब्दुल रहमान को 18 जनवरी 2020 को घर से गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप है कि उसने अक्टूबर में एक लिफाफे में ऊर्दू में लिखा धमकी भरा पत्र सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भेजा था.
शिकायत की जांच में पर एटीएस ने पाया कि धानेगांव इलाके में क्लीनिक चलाने वाला डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान ने यह संदिग्ध लिफाफा भेजा है, इतना ही नहीं वह पहले भी अधिकारियों को संदिग्ध लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा जा चुका है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब की थी.
आरोपी की तरफ से तर्क दिये गये थे कि वह पिछले 6 महीने से जेल में है. वह पूरी तरह से निर्दोश है और मां और भाई ने उसके खिलाफ साजिश रची थी. सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है. केस डायरी का अवलोकन करने के बाद एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर राव ने पैरवी की है.