जबलपुर। छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर के श्याम मानव के द्वारा अनर्गल टिप्पणी की गई थी, जिससे हिंदू संगठनों में रोष व्याप्त है, जिसके विरोध में सभी हिंदू संगठनों के लोगों ने गढ़ा बाजार पर सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर सभी सनातन विरोधी लोगों का पुतला दहन किया (Sanatan Opponents Effigies Burnt). बागेश्वर धाम के समर्थन में उतरे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे का कहना है कि बहुत ही दुर्भाग्य का विषय है, इस देश में सनातन धर्म की ध्वजा की पताका फहराने वाले लोगों पर हमेशा प्रश्नचिन्ह उठाने का काम किया जाता है.
समाज में अच्छा काम कर रहे धीरेंद्र शास्त्री: अभिलाष पांडे ने कहा कि ''लगातार सनातन धर्म की ध्वजा को फहराने वाले और लगातार समाज में जन जागरण का काम करते हुए पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने वाले ऐसे महानायकों के बारे में समय-समय पर हमेशा सनातन विरोधी ताकते इस तरह की बातें उत्पन्न करती रहती हैं. इन सब बातों को देखते हुए हम लोगों के द्वारा सनातन विरोधियों का पुतला दहन किया, और कतई भी इस देश का नौजवान या आम नागरिक इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करने वाला है''. उन्होंने कहा कि ''बागेश्वर धाम जनता की सेवा करने का काम कर रहे हैं और भी बहुत सारे ऐसे संत जो समाज के अंदर अच्छा काम करते हैं, उनके बारे में कोई भी, कोई बात कर बैठता है. यह प्रभु श्री राम का देश है. इसीलिए प्रभु श्रीराम के देश में रहने वाले लोगों के लिए यह संदेश है कि सनातन धर्म की रक्षा करना, विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है''.
नागपुर की संस्था ने दी थी बाबा को चुनौती: दरअसल 5 जनवरी को नागपुर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन था. पूर्व में जानकारी दी गई थी कि ये कथा 5 से 13 जनवरी तक होनी है. इसी बीच नागपुर की अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के सह अध्यक्ष श्याम मानव द्वारा इसकी पुलिस में शिकायत की गई. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा लोगों में भूत प्रेत को लेकर अंधविश्वास फैला रहे हैं. बाद में बाबा की कथा 13 जनवरी के 2 दिन पहले ही खत्म हो गई. ऐसा माना जा रहा था कि पुलिस केस के डर से बाबा 2 दिन पहले ही चले गए. श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी थी की वह अपना यह चमत्कार साबित करके दिखाएं. यदि उन्होंने ऐसा कर दिया तो समिति उन्हें 30 लाख रुपए का इनाम देगी. जिसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर की समिति के चैलेंज को स्वीकर लिए और कहा कि रायपुर में 20-21 जनवरी को होने वाले दरबार में आमंत्रित किया. इस मामले के बाद जहां हिंदू संगठन, भाजपा के लोग धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आ गए, जबकि कई धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ खड़े हुए हैं.