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कोरोना की मार, खिलाड़ी हो गए लाचार, एथलीट डे स्पेशल में सुनिए इस खिलाड़ी के विचार - जबलपुर न्यूज

आज वर्ल्ड एथलेटिक्स डे है अगर कोरोना वायरस ने अपने पांव नहीं पसारे होते तो जबलपुर के खेल परिसरों में खिलाड़ी इस दिन को त्योहार की तरह मना रहे होते, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मैदानों में, स्टेडियम में, क्लबों में, जिम में सब जगह ताले पड़े हुए हैं.

Players are imprisoned in homes
घरों में कैद हुए खिलाड़ी
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Published : May 7, 2020, 9:03 PM IST

जबलपुर। दुनियाभर में कोरोना ने अपना कहर बरपा रखा है, तमाम लोगों का व्यक्तिगत जीवन भी इससे काफी बदला है. कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं. आज वर्ल्ड एथलेटिक्स डे है अगर कोरोना वायरस ने अपने पांव नहीं पसारे होते तो जबलपुर के खेल परिसरों में खिलाड़ी इस दिन को त्योहार की तरह मना रहे होते, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मैदानों में, स्टेडियम में, क्लबों में, जिम में सब जगह ताले पड़े हुए हैं.

घरों में कैद हुए खिलाड़ी

जबलपुर के विक्रांत सिंह भारत की हैंडबॉल टीम के सदस्य हैं, बीते दिनों ओलंपिक मैचों के क्वालीफाइंग मैच खेलने के लिए हैंडबॉल की टीम दोहा गई थी. हालांकि यहां भारत की टीम नहीं जीत सकी. लेकिन दोबारा फिर क्वालीफाइंग मैच स्पेन में होना था, जिसके लिए भारत की टीम पूरी तरह से तैयार थी. विक्रांत भी इस 16 सदस्य टीम के अहम हिस्से हैं उनकी पूरी तैयारी थी कि इस बार भारत की टीम जरूर जीते और हैंडबॉल में ओलंपिक में अपनी जगह सुनिश्चित करती. लेकिन विक्रांत का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से यह टूर्नामेंट भी रद्द हो गया है. अब पता नहीं कब उन्हें मौका मिले.

नहीं पा रही है प्रैक्टिस
खिलाड़ी को रोज उतनी ही प्रैक्टिस करनी होती है, जितनी की मैच जीतने के लिए जरूरी है. इसलिए विक्रांत अपनी छत पर ही प्रैक्टिस करते हैं. क्योंकि मैदानों में और क्लबों में खेलने की अनुमति नहीं है. मैदानों के खेल की तैयारी छत पर करना बहुत कठिन है. विक्रांत अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं बल्कि जबलपुर में कुश्ती, तीरंदाजी, मार्शल आर्ट, फुटबॉल जैसी कई खेलों के बेहतरीन खिलाड़ी हैं जो भारत का नाम विदेशों में प्रसिद्ध कर चुके हैं लेकिन इन सब की तैयारी पर कोरोना ने विराम लगाया है.

मैदानों में लौटेगी रौनक
खेल कोच सुदर्शन सिंह का कहना है सारे खिलाड़ी मजबूर हैं और घरों में ही रहकर प्रैक्टिस कर रहे हैं. सभी को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का यह संकट काल जल्द खत्म होगा और मैदानों में दोबारा रौनक लौटेगी. वे फिर उसी मस्ती में खेलेंगे जिसमें वे खेला करते थे. और फिर भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे.

जबलपुर। दुनियाभर में कोरोना ने अपना कहर बरपा रखा है, तमाम लोगों का व्यक्तिगत जीवन भी इससे काफी बदला है. कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं. आज वर्ल्ड एथलेटिक्स डे है अगर कोरोना वायरस ने अपने पांव नहीं पसारे होते तो जबलपुर के खेल परिसरों में खिलाड़ी इस दिन को त्योहार की तरह मना रहे होते, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मैदानों में, स्टेडियम में, क्लबों में, जिम में सब जगह ताले पड़े हुए हैं.

घरों में कैद हुए खिलाड़ी

जबलपुर के विक्रांत सिंह भारत की हैंडबॉल टीम के सदस्य हैं, बीते दिनों ओलंपिक मैचों के क्वालीफाइंग मैच खेलने के लिए हैंडबॉल की टीम दोहा गई थी. हालांकि यहां भारत की टीम नहीं जीत सकी. लेकिन दोबारा फिर क्वालीफाइंग मैच स्पेन में होना था, जिसके लिए भारत की टीम पूरी तरह से तैयार थी. विक्रांत भी इस 16 सदस्य टीम के अहम हिस्से हैं उनकी पूरी तैयारी थी कि इस बार भारत की टीम जरूर जीते और हैंडबॉल में ओलंपिक में अपनी जगह सुनिश्चित करती. लेकिन विक्रांत का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से यह टूर्नामेंट भी रद्द हो गया है. अब पता नहीं कब उन्हें मौका मिले.

नहीं पा रही है प्रैक्टिस
खिलाड़ी को रोज उतनी ही प्रैक्टिस करनी होती है, जितनी की मैच जीतने के लिए जरूरी है. इसलिए विक्रांत अपनी छत पर ही प्रैक्टिस करते हैं. क्योंकि मैदानों में और क्लबों में खेलने की अनुमति नहीं है. मैदानों के खेल की तैयारी छत पर करना बहुत कठिन है. विक्रांत अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं बल्कि जबलपुर में कुश्ती, तीरंदाजी, मार्शल आर्ट, फुटबॉल जैसी कई खेलों के बेहतरीन खिलाड़ी हैं जो भारत का नाम विदेशों में प्रसिद्ध कर चुके हैं लेकिन इन सब की तैयारी पर कोरोना ने विराम लगाया है.

मैदानों में लौटेगी रौनक
खेल कोच सुदर्शन सिंह का कहना है सारे खिलाड़ी मजबूर हैं और घरों में ही रहकर प्रैक्टिस कर रहे हैं. सभी को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का यह संकट काल जल्द खत्म होगा और मैदानों में दोबारा रौनक लौटेगी. वे फिर उसी मस्ती में खेलेंगे जिसमें वे खेला करते थे. और फिर भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे.

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