जबलपुर। शहर के शहपुरा में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स और नर्सों के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता को जागरुक करने वाली आशा कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की राह पकड़ ली है, वेतन बढ़ाने, अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन सहित 6 मांगों को पूरा करवाने के लिए आशा कार्यकर्ता और उनकी सहयोगी 14 जून से हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर धरना दे रही हैं. उनकी मांगों को लेकर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. वहीं स्थानीय विधायक ने उनकी मांगों को पूरा कराने का भरोसा दिया है.
महज 2 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा नियमित भत्ता
बरगी विधानसभा अंतर्गत शहपुरा में स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बैठीं आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह वे भी हर समय लोगों की सेवा करती हैं, कोरोना काल में उन्होंने सर्वे और संक्रमण से बचाने के लिए सभी जागरुकता अभियानों को सफलता पूर्व संचालित किया, लेकिन उनकी ओर शासन- प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. उन्हें आज भी महज 2 हजार रुपये प्रतिमाह नियमित भत्ता दिया जा रहा है, जबकि उनकी सहयोगियों को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता मिलता है, जो बेहद कम है.
MLA ने दिया मांगों को पूरा कराने का भरोसा
धरना दे रहीं आशा कार्यकर्ताओं के पास विधायक संजय यादव पहुंचे और उनकी मांगें सुनीं, इस दौरान संजय यादव ने कहा कि पेट्रोल 100 रुपये बिक रहा है, तेल 200 रुपये के पार हो गया, ऐसे में इन आशा कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत भी नहीं मिल रही है, जिससे ये अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. विधायक ने उन्हें भरोसा जताया है कि विधानसभा में उनकी मांग पर ध्यानाकर्षण और सवाल लगाएंगे. साथ ही सरकार से मांग करेंगे कि उनकी जायज मांगों को पूरा करें. वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने एलान किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
हड़ताल पर आशा कार्यकर्ता, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल, सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
आशा कार्यकर्ता वेतन बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही. जबकि कोरोना काल जैसी संकट की घड़ी में वे जान जोखिम में डालकर काम करती रहीं.अब देखना होगा कि शासन प्रशासन कब तक आशा कार्यकर्ताओं की मांगों की ओर ध्यान देता है और विधायक महोदय के वादे कितने प्रतिशत खरे निकलते हैं.