जबलपुर। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल सोमवार को जबलपुर के दौरे पर रहे. इस दौरान कृषि मंत्री ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का दौरा किया. कृषि मंत्री कमल पटेल ने आरोप लगाया कि पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव किसान हित की बात नहीं किया करते थे. मंत्री कमल पटेल का कहना है पिछली सरकार में जब चने की खरीदी राज्य सरकार द्वारा की गई, तो छिंदवाड़ा को 19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज के आधार पर खरीदी जा रही थी और बाकी प्रदेश में उत्पादन कम आंका गया था. जबकि छिंदवाड़ा में मात्र 17 क्विंटल की दर से ही उत्पादन होता है. इस मौके पर सचिन यादव प्रदेश के बाकी किसानों के साथ न्याय नहीं कर पाए थे.
किसान हितैषी नहीं है किसान संगठन
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार आते ही किसानों की आय दोगुनी हुई है. शिवराज सरकार ने कृषि उत्पादक खरीदने की नीति बदली है. जिससे किसान की आय में काफी अंतर आया है. कमल पटेल का आरोप है कि किसान संगठन, किसान हितेषी नहीं है. मध्यप्रदेश में हर साल चना, मसूर, सरसों जैसी फसलों की खरीदी लेट शुरू की जाती थी और इसकी वजह से किसान इन्हें बिचौलियों को बेच देता था लेकिन कभी किसान संगठनों ने यह मांग नहीं उठाई और किसान सस्ती दरों पर अपने अनाज को बेचने के लिए मजबूर क्यों हो रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश में पहली बार चना और मसूर की खरीदी का समय बदला गया है ताकि किसान को उसकी उपज का सही दाम मिल सके.
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वैज्ञानिक फील्ड पर जाकर काम करें
मंत्री कमल पटेल का कहना है कि वैज्ञानिकों को काम करने की हिदायत दी गई है. क्योंकि वैज्ञानिक शोध कार्य कर रहे हैं लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है. इसलिए मध्य प्रदेश कृषि विभाग एग्रीकल्चर ओपीडी खोलने की तैयारी कर रहा है और कुछ ओपीडी खोली जा चुके हैं, यहां पर किसान अपनी समस्याओं का समाधान पाएगा. कमल पटेल का कहना है कि भले ही हमने किसानों के कर्ज माफ नहीं किए हैं लेकिन जिस तरीके से फसलों के दाम हमारी नीतियों की वजह से बढ़ रहे हैं. उसे किसानों को करोड़ों रुपए का फायदा होगा और किसान की आय दोगुनी हो जाएगी.