जबलपुर। जिला प्रशासन ने चेरीताल स्थित गोपाल सदन को कोविड केयर सेंटर घोषित कर दिया था, प्रशासन ने घोषणा की थी की, कोविड केयर सेंटर में कोरोना वायरस के माइल्ड पॉजिटिव मरीजों को रखा जायेगा और उनका उपचार किया जायेगा. यहां एम्बुलेंस भी तैनात रहेगी और जरूरत पड़ने पर कोरोना पीड़ित के उपचार के लिये डॉक्टर को बुलाया जाएगा, लेकिन जनता के विरोध के बाद प्रशासन ने अपना फैसला वापस ले लिया है.
कलेक्टर भरत यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया था कि, कोरोना वायरस के माइल्ड पॉजिटिव केस के लिये शासन द्वारा तय गाइडलाइन के मुताबिक और भी होटल और छात्रावासों को कोरोना केयर सेंटर के रूप में चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि, कोरोना के मॉडरेट केस में पीड़ित के उपचार के लिये शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी अधिग्रहित करने की कार्रवाई की जायेगी.
कलेक्टर के अनुसार कोरोना के सीरियस केस के लिए कोविड हॉस्पिटल के रूप में मेडिकल कॉलेज को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है, लेकिन जैसे ही यह सूचना गोपाल सदन के आसपास के लोगों को मिली, तो लोगों ने सड़क पर इकट्ठे होकर हंगामा शुरू कर दिया और प्रशासन को चेतावनी दी की, वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे. विवाद बढ़ते देख प्रशासन ने अपना निर्णय वापस ले लिया.
दरअसल मेडिकल सर्वे के बाद ऐसी संभावना है कि, जबलपुर में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है. इसलिए प्रशासन निजी अस्पतालों के साथ ही होटलों को भी अधिकृत करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस तरह यदि विरोध हुआ तो प्रशासन के लिए समस्याएं बढ़ेगी.