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MP चिकित्सा महासंघ का मोहन सरकार को अल्टीमेटम, 25 फरवरी से चरमरा सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं - MP DOCTORS STRIKE

मध्य प्रदेश के हेल्थ डिपार्टमेंट में इमरजेंसी की आहट. 20 फरवरी से हड़ताल पर रहेंगे 15 हजार डॉक्टर.

MP DOCTORS STRIKE
20 फरवरी से हड़ताल पर रहेंगे 15 हजार डॉक्टर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 2:10 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है. प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों और राज्य शासन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग में विरोध का साया मंडरा रहा है. लंबित मांगें पूरी नहीं होने से सरकारी डॉक्टरों में आक्रोश हैं. अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए डॉक्टरों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है.

ये हैं डॉक्टरों की मुख्य मांगें

लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने समेत अन्य मुद्दों को लेकर चिकित्सक महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन को ज्ञापन भी दिया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवई नहीं हुई. शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया. " ना ही अब तक हाई पॉवर कमेटी का गठन हुआ और ना ही कैबिनेट से पारित निर्णय जैसे डीएसीपी, सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देना, एनएपीए की सही गणना व अन्य के संबंध में आदेश निकाले गए हैं."

सरकारी अस्पतालों के 15 हजार डॉक्टर शामिल

मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ 20 फरवरी से आंदोलन करेंगे. जिसमें सभी शासकीय स्वशासी विभागों में कार्यरत चिकित्सक व छात्र शामिल रहेंगे. इसमें शामिल होने के लिए 15 हजार से अधिक सरकारी डॉक्टरों ने सहमति दी है. इसमें मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ मेडिकल ऑफिसरी मेडिकल कॉलेज, ईएसआई डॉक्टर्स एसोसिएशन, प्रांतीय संविदा मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स ग्रह विभाग और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सहमति दी है.

ये रहेगा आंदोलन का कार्यक्रम

मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर 20 फरवरी से आंदोलन शुरू करेंगे. 21 फरवरी तक सभी डॉक्टर काली प‌ट्टी बांधकर काम करेंगे. इसके बाद 22 फरवरी को आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर टोकन विरोध प्रदर्शन होगा, लेकिन इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी. साथ ही चिन्हित अस्पतालों में अमानक दवाओं की होली जलाई जाएगी. 24 फरवरी की प्रदेशव्यापी सामूहिक उपवास कर अन्न व जल त्याग कर एक घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी, लेकिन 25 फरवरी को डॉक्टर प्रदेशव्यापी काम बंद आंदोलन करेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं.

भोपाल: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है. प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों और राज्य शासन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग में विरोध का साया मंडरा रहा है. लंबित मांगें पूरी नहीं होने से सरकारी डॉक्टरों में आक्रोश हैं. अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए डॉक्टरों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है.

ये हैं डॉक्टरों की मुख्य मांगें

लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने समेत अन्य मुद्दों को लेकर चिकित्सक महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन को ज्ञापन भी दिया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवई नहीं हुई. शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया. " ना ही अब तक हाई पॉवर कमेटी का गठन हुआ और ना ही कैबिनेट से पारित निर्णय जैसे डीएसीपी, सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देना, एनएपीए की सही गणना व अन्य के संबंध में आदेश निकाले गए हैं."

सरकारी अस्पतालों के 15 हजार डॉक्टर शामिल

मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ 20 फरवरी से आंदोलन करेंगे. जिसमें सभी शासकीय स्वशासी विभागों में कार्यरत चिकित्सक व छात्र शामिल रहेंगे. इसमें शामिल होने के लिए 15 हजार से अधिक सरकारी डॉक्टरों ने सहमति दी है. इसमें मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ मेडिकल ऑफिसरी मेडिकल कॉलेज, ईएसआई डॉक्टर्स एसोसिएशन, प्रांतीय संविदा मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, मेडिकल ऑफिसर्स ग्रह विभाग और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सहमति दी है.

ये रहेगा आंदोलन का कार्यक्रम

मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर 20 फरवरी से आंदोलन शुरू करेंगे. 21 फरवरी तक सभी डॉक्टर काली प‌ट्टी बांधकर काम करेंगे. इसके बाद 22 फरवरी को आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर टोकन विरोध प्रदर्शन होगा, लेकिन इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी. साथ ही चिन्हित अस्पतालों में अमानक दवाओं की होली जलाई जाएगी. 24 फरवरी की प्रदेशव्यापी सामूहिक उपवास कर अन्न व जल त्याग कर एक घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी, लेकिन 25 फरवरी को डॉक्टर प्रदेशव्यापी काम बंद आंदोलन करेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं.

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