जबलपुर। जबलपुर जिला न्यायालय साइलेंट जोन में आता है, बावजूद इसके इस जोन में आज यानी मंगलवार को जमकर नारेबाजी हुई. इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही. जबकि जिला न्यायालय के अंदर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. प्रदर्शन करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता थे, जो लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूल द्वारा फीस वृद्धि को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे थे. बता दें जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय कोर्ट से लगा हुआ है.
निजी स्कूलों में लॉकडाउन के बाद भी मनमानी फीस ली जा रही है, जिसको लेकर जिसके विरोध में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन लेने के बाद जब जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा अपने चेंबर में जाने लगे तो कार्यकर्ताओं ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी. हालांकि पुलिस बाद में जरूर कोर्ट का हवाला कार्यकर्ताओं को देती रही लेकिन कार्यकर्ताओं ने पुलिस की एक नहीं सुनी.
थाना प्रभारी भी आए कार्यकर्ताओं के बचाव में
जिला कोर्ट के पास हो रही नारेबाजी के सवाल पर थाना प्रभारी ओमती एसपीएस बघेल ने ये तर्क दिया है कि जिस जगह कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे, वहां से कोर्ट दूर है. लिहाजा ये साइलेंट जोन नहीं कहा जा सकता है. वहीं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदर्शन के दौरान न ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया. इनमें कई तो बिना मास्क लगाए ही पहुंच गए थे.
हाईकोर्ट ने ट्यूशन फीस पर लगाई रोक
फीस वृद्धि को लेकर आज हाईकोर्ट में एक सुनवाई भी हुई, जिसमें आगामी 13 जुलाई तक के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा ट्यूशन फीस लेने पर भी रोक लगा दी गई है. अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आज की सुनवाई में निर्देश दिए हैं कि स्कूल फीस से जुड़े तमाम मामलों की सुनवाई अब जबलपुर हाईकोर्ट में ही की जाएगी.