जबलपुर। देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरूआत हो गई है. इस कड़ी में जबलपुर में भी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया. यहां एक पूरे वार्ड को ही वैक्सीनेशन के लिए तैयार किया गया था. जबलपुर जिले में सात जगहों पर वैक्सीनेशन किया गया. इनमें जबलपुर जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, रेलवे अस्पताल के अलावा चार ग्रामीण इलाके कटंगी, शाहपुरा, पनागर और मझोली में भी वैक्सीनेशन लगवाई. इस दौरान शहर में 700 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई.
71 साल बुजुर्ग डॉक्टर ने लगवाई वैक्सीन
लगभग 71 साल के बुजुर्ग डॉक्टर केके शुक्ला ने वैक्सीन लगवाई. उनका कहना है कि जिस तरह की घबराहट लोगों में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर है ऐसी घबराहट उन्होंने पहले भी कई वैक्सीनेशन कार्यक्रमों में देखी है. लोग नए टीके लगवाने से डरते हैं. केके शुक्ला का कहना है कि इसमें डरने की कोई बात नहीं है. क्योंकि दवाई का पूरी तरह से टेस्ट किया गया है. इसके बाद ही लोगों को दी जा रही है. इसका असर भी देखने को मिलेगा. कोरोनावायरस की वैक्सीन लगने के बाद लोगों को इस बीमारी से निजात मिलने की संभावना है. हालांकि डॉक्टर केके शुक्ला का कहना है कि कुछ लोगों को एलर्जी की वजह से या घबराहट की वजह से कुछ परेशानी हो सकती है लेकिन लोग इतने डरे नहीं और बेधड़क होकर वैक्सीन लगाएं. जबलपुर के 10 डॉक्टरों ने भी आज वैक्सीन लगवाई है. इनमें ज्यादातर सीनियर डॉक्टर हैं.
जबलपुर में पहला टीका वैशाख सफाई कर्मी को लगा
जबलपुर में कोरोनावायरस की वैक्सीन लगवाने वाला वैशाख पहला शख्स था. इसके बाद फिर एक सफाई कर्मचारी ने भी वैक्सीन लगवाई. फिर यह सिलसिला दिनभर चलता रहा. डॉक्टरों के सामने आकर वैक्सीन लगवाने से भी लोगों का भ्रम टूटा है. क्योंकि पहले लोग यह मान रहे थे कि सफाई कर्मचारियों के अलावा दूसरे लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे.
इस वैक्सीन से कोरोना वायरस के खत्म होने की संभावना है हालांकि भारत जैसे बड़े देश में सप्तक वैक्सीन का पहुंचना कठिन है लेकिन भारत कई बड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रमों को अंजाम दे चुका है इसलिए नामुमकिन नहीं है और यदि वैक्सीन सही ढंग से काम करती है तो कोरोना वायरस की महामारी से भी लोगों को निजात मिल जाएगी.