जबलपुर। जिले के करीब 6000 परिवारों को स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है. इसकी वजह से इन लोगों को बिजली के अनाप-शनाप बिलों का भुगतान करना पड़ता है. इन परिवारों की समस्या का कोई समाधान भी किसी के पास नहीं है.
अवैध कॉलोनियों की समस्या
दरअसल जबलपुर में दो दर्जन से ज्यादा बड़ी अवैध कॉलोनी है. इनमें 6000 से ज्यादा घर हैं और इन कॉलोनियों में बिजली की लाइन नहीं बिछाई गई है. ना ही ट्रांसफार्मर रखे गए हैं. ऐसे हालात में यहां रहने वाले लोगों को बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाता. जबलपुर के गणेश नगर में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनसे नगर निगम टैक्स वसूलता है. उनकी जमीनों की रजिस्ट्री है, दूसरे सभी काम होते हैं. केवल बिजली की स्थाई व्यवस्था नहीं होती.
कानून बना रोड़ा
इन 6000 परिवारों की लड़ाई लड़ रहे नेता सौरभ शर्मा का कहना है कि दरअसल पूरी समस्या बिजली कानून की वजह से बनी है. बिजली के नए कानून में बिजली कंपनी किसी भी परिवार से बिजली कनेक्शन के एवज में 3000 से ज्यादा रुपए नहीं ले सकती. बिजली के नियमित कनेक्शन के लिए तार खंबे और ट्रांसफार्मर की व्यवस्था में कहीं ज्यादा पैसा खर्च होता है. यह पैसा बिजली कंपनी खर्च करना नहीं चाहती और किसी भी परिवार से 3000 से ज्यादा लिया नहीं जा सकता. मतलब अगर कोई निजी खर्च पर भी बिजली की व्यवस्था करना चाहे तो नहीं कर सकता और सरकार इन परिवारों को अपनी ओर से मदद दे नहीं रही है.
इस मुद्दे पर स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं. सभी को इस बात का इंतजार है कि राज्य सरकार इस समस्या का कोई समाधान करें लेकिन जिन इलाकों में यह समस्या है. वहां दूसरी बड़ी परेशानी अवैध तरीके से खींचे गए तार हैं. जिन पर हमेशा बिजली दौड़ती रहती है और यह डर बना रहता है की इनके संपर्क में आने वाले लोगों की कहीं जान ना चली जाए.