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धान खरीदी में फिर गड़बड़झाला, गोदाम पहुंचते ही अधिकारियों के उड़ गए होश

तमाम सख्तियों के बाद भी जबलपुर में धान खरीदी में समितियों का घोटाला सामने आया है. मिलीभगत कर करीब 66 करोड़ की धान खरीद ली गई है जो अब पूरी तरह कचरा हो गई है.

60 crore poor paddy purchased in Jabalpur
धान का ओपन स्टोरेज
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Published : Feb 22, 2020, 12:36 PM IST

जबलपुर। धान खरीदी में तमाम सख्ती और अधिकारियों की लगातार निगरानी के बाद भी समितियों द्वारा घटिया धान खरीदने का मामला सामने आया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि समितियों ने इस बार करीब 60 करोड़ रुपए घटिया धान खरीदा है. इस मामले के पुख्ता प्रमाण जुटाने के लिए अधिकारियों की टीम बीजापुर ओपन कैब में रखे गए माल की जांच करने पहुंची. मौके पर पहुंचते ही अधिकारियों के होश उड़ गए क्योंकि एक कैब में ही 31.200 क्विंटल धान बिल्कुल खराब पाई गई. ये धान सुधार कर भी उपयोग में लाने लायक नहीं बची है. खराब हुए धान की कीमत पांच करोड़ 66 लाख रुपए है. इस मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

धान खरीदी में घालमेल

अधिकारियों के मुताबिक ये धान पूरी तरह से कचरा हो गई है, इसी ओपन कैब में करीब 15 हजार क्विंटल धान ऐसी भी पाई गई है जिसे साफ-सफाई के बाद ही उपयोग में लाया जाए सकेगा. साफ-सफाई होती है तो करीब एक चौथाई कचरा निकलना तय है. समितियों के इस घालमेल को देखते हुए कलेक्टर ने अब एक-एक गोदाम और ओपन कैब की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं.

कलेक्टर ने बीजापुर के बाद अब गोसलपुर और हृदय नगर स्थित ओपन कैब के भी जांच करने की निर्देश दिए हैं. इस बार धान खरीदी को लेकर खास सख्ती बरती गई जा थी. धान खरीदी से पहले सर्वेयर को इसकी जांच करना था लेकिन नहीं किया गया. उसके बाद भंडारण के समय भी दोबारा जांच होती थी. इतनी निगरानी के बाद भी करोड़ों की घटिया धान खरीदी गई और आसानी से भंडारण भी हो गया. इस बड़े घालमेल को देखते हुए कलेक्टर ने जांच दल भी गठित की है.

गौरतलब है कि प्रशासन ने एक सप्ताह पहले समितियों को नोटिस जारी कर स्पष्ट आदेश दिए थे कि गोदामों से घटिया धान चार दिन के अंदर हटा लिया जाए. वहीं उस धान का भुगतान समितियों अपने पास से करें, लेकिन समितियों ने ऐसा नहीं किया. जिसके चलते अब जांच दल गोदामों में पहुंचकर घटिया धान की जांच कर रही है.

जबलपुर। धान खरीदी में तमाम सख्ती और अधिकारियों की लगातार निगरानी के बाद भी समितियों द्वारा घटिया धान खरीदने का मामला सामने आया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि समितियों ने इस बार करीब 60 करोड़ रुपए घटिया धान खरीदा है. इस मामले के पुख्ता प्रमाण जुटाने के लिए अधिकारियों की टीम बीजापुर ओपन कैब में रखे गए माल की जांच करने पहुंची. मौके पर पहुंचते ही अधिकारियों के होश उड़ गए क्योंकि एक कैब में ही 31.200 क्विंटल धान बिल्कुल खराब पाई गई. ये धान सुधार कर भी उपयोग में लाने लायक नहीं बची है. खराब हुए धान की कीमत पांच करोड़ 66 लाख रुपए है. इस मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

धान खरीदी में घालमेल

अधिकारियों के मुताबिक ये धान पूरी तरह से कचरा हो गई है, इसी ओपन कैब में करीब 15 हजार क्विंटल धान ऐसी भी पाई गई है जिसे साफ-सफाई के बाद ही उपयोग में लाया जाए सकेगा. साफ-सफाई होती है तो करीब एक चौथाई कचरा निकलना तय है. समितियों के इस घालमेल को देखते हुए कलेक्टर ने अब एक-एक गोदाम और ओपन कैब की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं.

कलेक्टर ने बीजापुर के बाद अब गोसलपुर और हृदय नगर स्थित ओपन कैब के भी जांच करने की निर्देश दिए हैं. इस बार धान खरीदी को लेकर खास सख्ती बरती गई जा थी. धान खरीदी से पहले सर्वेयर को इसकी जांच करना था लेकिन नहीं किया गया. उसके बाद भंडारण के समय भी दोबारा जांच होती थी. इतनी निगरानी के बाद भी करोड़ों की घटिया धान खरीदी गई और आसानी से भंडारण भी हो गया. इस बड़े घालमेल को देखते हुए कलेक्टर ने जांच दल भी गठित की है.

गौरतलब है कि प्रशासन ने एक सप्ताह पहले समितियों को नोटिस जारी कर स्पष्ट आदेश दिए थे कि गोदामों से घटिया धान चार दिन के अंदर हटा लिया जाए. वहीं उस धान का भुगतान समितियों अपने पास से करें, लेकिन समितियों ने ऐसा नहीं किया. जिसके चलते अब जांच दल गोदामों में पहुंचकर घटिया धान की जांच कर रही है.

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