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इलाज के दौरान 16 साल के बच्चे की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान एक 16 साल के बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

child died during treatment in Jethi Hospita
इलाज के दौरान बच्चे की मौत
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Published : Feb 25, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 10:32 AM IST

जबलपुर । शहर के जेठी अस्पताल में एक 16 साल के लड़के की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया, परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उनके बच्चे की मौत हुई है, दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे की हालत पहले से ही नाजुक थी, जिसके चलते उसे बचाया नहीं जा सका.

इलाज के दौरान बच्चे की मौत

पूरा मामला जीआरपी कॉलोनी स्थित निजी अस्पताल स्थित जेठी अस्पताल का है, जहां पर दो महीने से बीमार लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने मौत के बाद हंगामा शुरू कर दिया जो सुबह तक जारी रहा, परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर जेठी ने उसे आगे भी अस्पताल में भर्ती रखा, इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे की मौत की जानकारी देने में 3 से 4 घंटे लगा दिए और लगातार गोलमोल जवाब देते रहे. कुछ घंटों में ही उपचार के लिए हजारों रुपए खर्च करवाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को जानकारी दी कि बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

हंगामे को शांत कराने के लिए सीएसपी रांझी देवेश सहित पुलिस अस्पताल पहुंची और परिजनों को समझाश दी. वहीं परिजनों की शिकायत के आधार पर अस्पताल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई.

जबलपुर । शहर के जेठी अस्पताल में एक 16 साल के लड़के की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया, परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उनके बच्चे की मौत हुई है, दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे की हालत पहले से ही नाजुक थी, जिसके चलते उसे बचाया नहीं जा सका.

इलाज के दौरान बच्चे की मौत

पूरा मामला जीआरपी कॉलोनी स्थित निजी अस्पताल स्थित जेठी अस्पताल का है, जहां पर दो महीने से बीमार लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने मौत के बाद हंगामा शुरू कर दिया जो सुबह तक जारी रहा, परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर जेठी ने उसे आगे भी अस्पताल में भर्ती रखा, इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे की मौत की जानकारी देने में 3 से 4 घंटे लगा दिए और लगातार गोलमोल जवाब देते रहे. कुछ घंटों में ही उपचार के लिए हजारों रुपए खर्च करवाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को जानकारी दी कि बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

हंगामे को शांत कराने के लिए सीएसपी रांझी देवेश सहित पुलिस अस्पताल पहुंची और परिजनों को समझाश दी. वहीं परिजनों की शिकायत के आधार पर अस्पताल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई.

Last Updated : Feb 25, 2020, 10:32 AM IST
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