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महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज में रात का खाना खाने से 150 छात्र बीमार, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट

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Published : Mar 14, 2019, 7:55 PM IST

जबलपुर के महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज में सोलर ट्रेनिंग प्रोग्राम में आए 150 छात्रों खाना की तबीयत बिगड़ गई है.

अस्पातल में भर्ती छात्र

जबलपुर। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में लापरवाही अक्सर सामने आती है. लेकिन क्या आपने कॉलेजों में इस तरह की घटना सुनी है. ताजा मामला किसी स्कूल से नहीं जुड़ा बल्कि महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज का है, जहां सोलर ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान खाना खाने से 150 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है.

राष्ट्रीय स्तर के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पूरे प्रदेश से छात्र आए हुए हैं. ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को जो खाना दिया गया था, उसे खाने के बाद उन्हें अचानक उल्टी और दस्त शुरु हो गए. कुछ छात्र बेहोश भी हो गए. छात्रों की तबीयत बिगड़ने का कारण फूड पॉइजनिंग बताया जा रहा है. छात्रों ने बताया कि रात में खाने के बाद ही सभी को उल्टी, दस्त और बेहोशी की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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मामले की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और छात्रों हालत की जानकारी ली. कॉलेज प्रबंधन सब कुछ नियंत्रण में होने की बात कर रहा है. पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर छवि भारद्वाज भी मौके पर पहुंची और उन्होंने तहसीलदार से जांच रिपोर्ट तलब की है.

कलेक्टर ने माना है कि कॉलेज के मेस में जो खाना दिया जा रहा था वो गुणवत्ताविहीन है. उन्होंने कहा कि कॉलेज को सरकार से फंड भी मिलता है इसके बावजूद छात्रों को इस तरह का भोजन दिया जाना बड़ी लापरवाही है. जानकारी के अनुसार तकरीबन 25 छात्रों को अस्पताल में मॉनिटरिंग में रखा गया है. कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिेए हैं.

जबलपुर। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में लापरवाही अक्सर सामने आती है. लेकिन क्या आपने कॉलेजों में इस तरह की घटना सुनी है. ताजा मामला किसी स्कूल से नहीं जुड़ा बल्कि महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज का है, जहां सोलर ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान खाना खाने से 150 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है.

राष्ट्रीय स्तर के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पूरे प्रदेश से छात्र आए हुए हैं. ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को जो खाना दिया गया था, उसे खाने के बाद उन्हें अचानक उल्टी और दस्त शुरु हो गए. कुछ छात्र बेहोश भी हो गए. छात्रों की तबीयत बिगड़ने का कारण फूड पॉइजनिंग बताया जा रहा है. छात्रों ने बताया कि रात में खाने के बाद ही सभी को उल्टी, दस्त और बेहोशी की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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मामले की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और छात्रों हालत की जानकारी ली. कॉलेज प्रबंधन सब कुछ नियंत्रण में होने की बात कर रहा है. पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर छवि भारद्वाज भी मौके पर पहुंची और उन्होंने तहसीलदार से जांच रिपोर्ट तलब की है.

कलेक्टर ने माना है कि कॉलेज के मेस में जो खाना दिया जा रहा था वो गुणवत्ताविहीन है. उन्होंने कहा कि कॉलेज को सरकार से फंड भी मिलता है इसके बावजूद छात्रों को इस तरह का भोजन दिया जाना बड़ी लापरवाही है. जानकारी के अनुसार तकरीबन 25 छात्रों को अस्पताल में मॉनिटरिंग में रखा गया है. कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिेए हैं.

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महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज में रात का खाना खाने से 150 छात्र बीमार, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट 





जबलपुर। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में लापरवाही अक्सर सामने आती है. लेकिन क्या आपने कॉलेजों में इस तरह की घटना सुनी है. ताजा मामला किसी स्कूल से नहीं जुड़ा बल्कि महात्मा गांधी हौम्योपैथिक कॉलेज का है, जहां सोलर ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान खाना खाने से 150 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है. 



राष्ट्रीय स्तर के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पूरे प्रदेश से छात्र आए हुए हैं. ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को जो खाना दिया गया था, उसे खाने के बाद उन्हें अचानक उल्टी और दस्त शुरु हो गए. कुछ छात्र बेहोश भी हो गए. छात्रों की तबीयत बिगड़ने का कारण फूड पॉइजनिंग बताया जा रहा है. छात्रों ने बताया कि रात में खाने के बाद ही सभी को उल्टी, दस्त और बेहोशी की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 



मामले की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और छात्रों हालत की जानकारी ली. कॉलेज प्रबंधन सब कुछ नियंत्रण में होने की बात कर रहा है. पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर छवि भारद्वाज भी मौके पर पहुंची और उन्होंने तहसीलदार से जांच रिपोर्ट तलब की है. 



कलेक्टर ने माना है कि कॉलेज के मेस में जो खाना दिया जा रहा था वो गुणवत्ताविहीन है. उन्होंने कहा कि कॉलेज को सरकार से फंड भी मिलता है इसके बावजूद छात्रों को इस तरह का भोजन दिया जाना बड़ी लापरवाही है. जानकारी के अनुसार तकरीबन 25 छात्रों को अस्पताल में मॉनिटरिंग में रखा गया है. कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिेए हैं. 



छवि भारद्वाज, कलेक्टर, जबलपुर


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