इंदौर। पिछले साल महामारी के दौरान जिस इलाके में मेडिकल टीम पर पथराव किया गया था, आज वहां के लोग संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं. शहर के टाट पट्टी बाखल इलाके में पिछले साल एक अप्रैल को जब डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के लिए टीम पहुंची थी, तब डॉक्टर सहीत मेडिकल टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था. उस घटना में डॉक्टर और टीम को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी थी. कोरोना काल में डॉक्टरों पर हुए हमले का यह पहला मामला था, जो लंबे समय तक चर्चा में रहा.
पीएम ने भी की थी पत्थरबाजी की निंदा
इस घटना से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना की निंदा की थी. घटना के बावजूद अगले दिन से ही कोरोना वॉरियर डॉक्टर तृप्ति शर्मा और डॉक्टर जाकिया सईद ने स्क्रीनिंग के लिए मोर्चा संभाल लिया था. उस दौरान वहां करीब 360 मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले थे, लेकिन अब उस क्षेत्र में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं है.
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अब बरत रहे हैं सतर्कता
पिछले साल टाट पट्टी बाखल में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए थे, इंदौर जिला प्रशासन की मेहनत और पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की स्क्रीनिंग के बाद यहां स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. फिलहाल यहां लोग कोरोना से बचाव के तमाम प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइजर का प्रयोग करना अब यहां भी आदत बन रहा है.
वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू
इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. 60 साल से अधिक उम्र वाले ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है, जिनमें कई लोगों को वैक्सीन लग भी चुकी है. बचे लोगों के लिये आज से यहां वार्ड क्रमांक 68 के जोनल कार्यालय पर भी वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि यहां भी वैक्सीनेशन कराने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी.