इंदौर। 14 जून को Nobel Prize विजेता व वैज्ञानिक Karl Landsteiner का जन्म हुआ था, इन्हें ही ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय मिला है. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने वाले Karl Landsteiner के जन्मदिन को ही विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. कार्ल के ब्लड ग्रुप का पता लगाने से पहले Blood Transfusion बिना ग्रुप की जानकारी के होता था. इसीलिए इस खोज के कारण कार्ल लैंडस्टाइन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
World Blood Donor Day 2021: सभी दानों से बढ़कर है रक्त का दान, जानिए रक्तदान के महत्व को
ये लोग कर सकते हैं रक्तदान
एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन संजय दीक्षित ने बताया कि कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति 18 साल से 60 साल की उम्र का आसानी से Blood Donate कर सकता है, इस दौरान ब्लड देने वाले व्यक्ति को एचआईवी, हेपिटाइटिस बी और सी रोग न हुआ हो. साथ ही जिसके शरीर में आयरन भरपूर मात्रा में हो. हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करना चाहिए. इससे आपके शरीर में आयरन की मात्रा बनी रहती है. कई लोगों को लगता है कि रक्तदान किया तो उनके शरीर से खून कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है. रक्तदान करने के 48 घंटे के अंदर ही आपके शरीर में ब्लड की कमी पूरी हो जाती है.
शरीर में कम हो जाएगा खून?
वहीं एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर पीएस ठाकुर ने बताया कि Blood Donor Day को जागरूक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए. सभी को चाहिए कि जनता को जागरूक करे कि ब्लड डोनेशन बहुत सुरक्षित है क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान कोरोना से ठीक हुए लोगों का प्लाज्मा मरीजों को चढ़ाया गया था, जोकि काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ. उसी तरह इमरजेंसी में डिलीवरी के केस में रक्त की बहुत आवश्यकता होती है. उन लोगों का जीवन बचाने के लिए रक्तदान सभी को करना चाहिए.