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ETV भारत SPECIAL : इस अनूठी डायरेक्टरी ने बनाया गैरों को अपना, अब चुटकी बजाकर सॉल्व हो जाती है प्रॉब्लम

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Published : May 19, 2022, 7:18 PM IST

Updated : May 19, 2022, 8:25 PM IST

महानगरों में एकल परिवार का चलन बढ़ने और ज्यादा व्यस्तता के कारण लोगों का आपस में मेलजोल न के बराबर हो गया. ऐसे में जरूरत पड़ने पर इंसान अकेले जूझता रहता है. इस समस्या का हल निकालने के लिए एक शख्स ने अपने क्षेत्र में एक अनूठा काम किया. उन्होंने अपने क्षेत्र की एक डायरेक्टरी तैयारी की. इसमें हर व्यक्ति का पूरा ब्यौरा मौजूद है. यह डायरेक्टरी लोगों के बहुत काम आ रही है. (unique directory made people its own) (unique directory in Indore) (Now problem is solved by pinching)

unique directory made people its own
अनूठी डायरेक्टरी ने बनाया गैरों को अपना

इंदौर। महानगरों में तेजी से बढ़ते single-family कल्चर के कारण वक्त पड़ने पर लोग अकेले पड़ जाते हैं. मेलजोल और संपर्क नहीं होने के कारण पड़ोसियों से भी लोगों की बात नहीं होती. इंदौर के महालक्ष्मी नगर में इसी परेशानी का समाधान किया गया है. स्थानीय रहवासी सुदेश वाजपेयी ने व्यक्तिगत प्रयासों से एक विशाल रहवासी क्षेत्र के लिए ऐसी अनूठी डायरेक्टरी तैयार की है, जिसके माध्यम से पड़ोसी अब जरूरत पर एक फोन कॉल में ही मदद के लिए उपलब्ध हो जाते हैं.

अनूठी डायरेक्टरी ने बनाया गैरों को अपना

डायरेक्टरी में पूरा डिटेल उपलब्ध : दरअसल, इस डायरेक्टरी में महालक्ष्मी नगर के साथ सेक्टर उनके हर निवासी का नाम, पता, मकान नंबर, ब्लड ग्रुप और उनके मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं. ये काम वाजपेयी ने 40 दिन की अथक मेहनत से किया. कॉलोनी के घर-घर का जो डाटा इकट्ठा हुआ, उसे डायरेक्टरी के रूप में छापने के लिए एक स्थानीय स्तर के कॉलेज ने स्पॉन्सर ली है. अब जो डायरी तैयार हुई हैं, उन्हें निःशुल्क पड़ोसियों को बांटा गया है. इसकी मदद से लोग एक-दूसरे से जान पहचान के साथ संपर्क में बने हुए हैं.

खुद पर आया संकट तो निकाला समाधान : दरअसल, 13 साल पहले वाजपेयी परिवार के सामने यह संकट आया था तो उन्होंने लोगों की परेशानी को समझते हुए डायरी बनाने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र के तमाम पड़ोसियों की जानकारी जुटाकर गूगल की एक लिंक लोगों को भेजना शुरू की. इसके बावजूद बात नहीं बनी तो उन्होंने पड़ोसियों की डिटेल के लिए फॉर्म तैयार कराए. इसके बाद उनके क्षेत्र के सभी सेक्टरों में रहने वाले लोगों की जानकारी उन्हें मिल सकी.

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रेडियम की नंबर प्लेट वाले साइन बोर्ड : लिहाजा, अब डायरेक्टरी के जरिए उनकी पूरी कॉलोनी के लोग एक सूत्र में बंधे हुए हैं, जो पेशे से डॉक्टर, पुलिस, वकील, इंजीनियर समेत अन्य सेवा में रहते हुए अब एक दूसरे की जरूरत के मुताबिक काम भी आ रहे हैं. मोहल्ले के वाजपेयी ने टेलीफोन डायरेक्टरी के बाद रेडियम की नंबर प्लेट वाले साइन बोर्ड लगाने का फैसला किया है. इससे कि यहां आने वाले राहगीरों को भविष्य में हर किसी का पता आसानी से मिल सके. (unique directory made people its own) ( unique directory in Indore) (Now problem is solved by pinching)

इंदौर। महानगरों में तेजी से बढ़ते single-family कल्चर के कारण वक्त पड़ने पर लोग अकेले पड़ जाते हैं. मेलजोल और संपर्क नहीं होने के कारण पड़ोसियों से भी लोगों की बात नहीं होती. इंदौर के महालक्ष्मी नगर में इसी परेशानी का समाधान किया गया है. स्थानीय रहवासी सुदेश वाजपेयी ने व्यक्तिगत प्रयासों से एक विशाल रहवासी क्षेत्र के लिए ऐसी अनूठी डायरेक्टरी तैयार की है, जिसके माध्यम से पड़ोसी अब जरूरत पर एक फोन कॉल में ही मदद के लिए उपलब्ध हो जाते हैं.

अनूठी डायरेक्टरी ने बनाया गैरों को अपना

डायरेक्टरी में पूरा डिटेल उपलब्ध : दरअसल, इस डायरेक्टरी में महालक्ष्मी नगर के साथ सेक्टर उनके हर निवासी का नाम, पता, मकान नंबर, ब्लड ग्रुप और उनके मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं. ये काम वाजपेयी ने 40 दिन की अथक मेहनत से किया. कॉलोनी के घर-घर का जो डाटा इकट्ठा हुआ, उसे डायरेक्टरी के रूप में छापने के लिए एक स्थानीय स्तर के कॉलेज ने स्पॉन्सर ली है. अब जो डायरी तैयार हुई हैं, उन्हें निःशुल्क पड़ोसियों को बांटा गया है. इसकी मदद से लोग एक-दूसरे से जान पहचान के साथ संपर्क में बने हुए हैं.

खुद पर आया संकट तो निकाला समाधान : दरअसल, 13 साल पहले वाजपेयी परिवार के सामने यह संकट आया था तो उन्होंने लोगों की परेशानी को समझते हुए डायरी बनाने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र के तमाम पड़ोसियों की जानकारी जुटाकर गूगल की एक लिंक लोगों को भेजना शुरू की. इसके बावजूद बात नहीं बनी तो उन्होंने पड़ोसियों की डिटेल के लिए फॉर्म तैयार कराए. इसके बाद उनके क्षेत्र के सभी सेक्टरों में रहने वाले लोगों की जानकारी उन्हें मिल सकी.

19 हजार से ज्यादा बेटियों के धर्मपिता कहलाते हैं गोपाल भार्गव, कन्यादान लेने के बाद निभाते हैं पिता का हर फर्ज

रेडियम की नंबर प्लेट वाले साइन बोर्ड : लिहाजा, अब डायरेक्टरी के जरिए उनकी पूरी कॉलोनी के लोग एक सूत्र में बंधे हुए हैं, जो पेशे से डॉक्टर, पुलिस, वकील, इंजीनियर समेत अन्य सेवा में रहते हुए अब एक दूसरे की जरूरत के मुताबिक काम भी आ रहे हैं. मोहल्ले के वाजपेयी ने टेलीफोन डायरेक्टरी के बाद रेडियम की नंबर प्लेट वाले साइन बोर्ड लगाने का फैसला किया है. इससे कि यहां आने वाले राहगीरों को भविष्य में हर किसी का पता आसानी से मिल सके. (unique directory made people its own) ( unique directory in Indore) (Now problem is solved by pinching)

Last Updated : May 19, 2022, 8:25 PM IST
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