इंदौर। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कई कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज के अभाव में मौत भी हो रही है. लगातार मौत होने के कारण मुक्तिधामों में बॉडी के लिए विभिन्न तरह की व्यवस्था कर अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
कोरोना मरीजों के साथ ही सामान्य मौत के आंकड़ों में भी लगातार इजाफा हो रहा है, जिसके चलते मुक्तिधामों में दाह संस्कार करने में समस्या आ रही है. इस तरह की तस्वीरें रोजाना सामने आ रही है. सयाजी मुक्तिधाम में भी ऐसे ही कुछ दृश्य देखने को मिले, जहां पर एक ही दिन में कई लाश पहुंचने के बाद श्मशान घाट में दाह संस्कार करने के लिए जगह नहीं मिली. इसके बाद वहां पर विभिन्न तरह की व्यवस्था कर अंतिम संस्कार किया गया. आमतौर पर सामान्य दिनों में श्मशान में तीन या चार बॉडी पहुंचती है, लेकिन जब से कोरोना संक्रमण ने पैर पसारना शुरू किया है, तब से दाह संस्कार की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. प्रत्येक श्मशान घाट में 10 से 15 बॉडी पहुंच रही है.
दाह संस्कार की चल रही थी तैयारी, मृतक का चेहरा देखते ही उड़ गए सभी के होश
अलग-अलग क्षेत्रों में बने है मुक्तिधाम
शहर की आबादी तकरीबन 30 लाख के आसपास है. आबादी को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में मुक्तिधामों का निर्माण नगर निगम ने करवाया है. पश्चिम क्षेत्र में पंचकुइया मुक्तिधाम मौजूद है, तो वहीं पूर्वी क्षेत्र में सयाजी मालवा मिल और तिलक नगर मुक्तिधाम मौजूद है. इन मुक्तिधामों की बात करें, तो सामान्य दिनों में यहां पर काफी कम संख्या में दाह संस्कार होते थे, जिसके कारण यहां पर आसानी से दाह का अंतिम संस्कार कर दिया जाता था, लेकिन जिस तरह से कोरोना संक्रमण अपने पैर पसार रहा है. उसके बाद एकदम से इन मुक्तिधाम में शवों के आने का ग्राफ बढ़ गया है. इसके कारण इन मुक्तिधाम में जगह की कमी भी देखने को मिल रही है. एक साथ कई शव प्रबंधक को जलाने भी पड़ रहे हैं. मुक्तिधाम प्रबंधक ने जो कुर्सियां परिजनों के बैठने के लिए लगा रखी थी, उन्हें हटाकर वहां पर ही दाह संस्कार करने की व्यवस्था कर दी गई है.