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मध्यप्रदेश में तय होगा सब्जियों का समर्थन मूल्य, कृषि मंत्री कमल पटेल ने की घोषणा

मध्यप्रदेश सरकार अब मंडियों में बिकने आने वाली सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने जा रही है. जिससे किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके.

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कमल पटेल
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Published : Dec 5, 2020, 9:50 PM IST

इंदौर। कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों को राहत देने का फैसला किया है. राज्य सरकार अब मंडियों में बिकने आने वाली सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने जा रही है. जिससे किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके. जिसको लेकर इंदौर में कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसकी घोषणा की है.

तय होगा सब्जियों का समर्थन मूल्य

दरअसल बीते कुछ सालों में मंडियों में आने वाली सब्जियों के दामों में भारी उतार-चढ़ाव के चलते सब्जी उत्पादक किसानों को उनकी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में हर साल बड़े पैमाने पर किसान मंडियों में टमाटर प्याज जैसी सब्जियां एक रुपए दो रुपए किलो बेचने को मजबूर हो जाते हैं. हाल ही में प्याज के दामों को लेकर यही स्थिति बनने से किसानों की प्याज शिवराज सरकार को खरीदनी पड़ी थी.

अब जबकी मंडियों में सब्जियों की बंपर आवक के कारण किसानों को उनकी उपज का वास्तविक लागत मूल्य ही नहीं मिल पा रहा है, तो सरकार की कोशिश है कि सब्जियों को भी फसलों की तरह ही समर्थन मूल्य के दायरे में लाकर किसानों को इसका लाभ दिलाया जाए. इधर सरकार इस मामले में एक नीति भी बनाने जा रही है. जिस पर कृषि विभाग विचार कर रहा है. उम्मीद है जल्द ही सब्जियों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाने के फैसले पर शिवराज सरकार कैबिनेट में भी अपनी मोहर लगा देगी.

इंदौर। कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों को राहत देने का फैसला किया है. राज्य सरकार अब मंडियों में बिकने आने वाली सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने जा रही है. जिससे किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके. जिसको लेकर इंदौर में कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसकी घोषणा की है.

तय होगा सब्जियों का समर्थन मूल्य

दरअसल बीते कुछ सालों में मंडियों में आने वाली सब्जियों के दामों में भारी उतार-चढ़ाव के चलते सब्जी उत्पादक किसानों को उनकी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में हर साल बड़े पैमाने पर किसान मंडियों में टमाटर प्याज जैसी सब्जियां एक रुपए दो रुपए किलो बेचने को मजबूर हो जाते हैं. हाल ही में प्याज के दामों को लेकर यही स्थिति बनने से किसानों की प्याज शिवराज सरकार को खरीदनी पड़ी थी.

अब जबकी मंडियों में सब्जियों की बंपर आवक के कारण किसानों को उनकी उपज का वास्तविक लागत मूल्य ही नहीं मिल पा रहा है, तो सरकार की कोशिश है कि सब्जियों को भी फसलों की तरह ही समर्थन मूल्य के दायरे में लाकर किसानों को इसका लाभ दिलाया जाए. इधर सरकार इस मामले में एक नीति भी बनाने जा रही है. जिस पर कृषि विभाग विचार कर रहा है. उम्मीद है जल्द ही सब्जियों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाने के फैसले पर शिवराज सरकार कैबिनेट में भी अपनी मोहर लगा देगी.

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