इंदौर। कोरोना के खिलाफ जारी अभियान के चलते महिला रिक्शा चालकों की सुपर-21 टीम ने भी मोर्चा संभाल लिया है. दरअसल यह रिक्शा चालक उन महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को इमरजेंसी में शहर के विभिन्न अस्पतालों और संक्रमित इलाकों में कोरोना वारियर्स को पहुंचाने की सेवा में जुटी हैं. सुपर-21 महिला रिक्शा चालकों की एक ऐसी व्यवस्था है जो शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सुबह से शाम तक सेवा में जुटी है. इस सेवा की शुरुआत मई माह की शुरुआत में AICTSL द्वारा की गई.
सुपर-21 इसलिये कहा जा रहा है, क्योंकि 21 युवतियां और महिलाएं भी कोरोना मिशन में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जुटी हुई हैं. एक व्यवस्था के तहत 21 महिलाएं बैट्री से चलने वाला ई-रिक्शा इंदौर की सड़कों पर दौड़ा रही है. कोविड - 19 के दौर में ई - रिक्शा चलाने वाली सुपर - 21 की टीम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑफिस से क्वारंटाइन सेंटर्स और होम क्वारंटाइन किये गए लोगों के घरों तक पहुंचाती है. टीम में शामिल महिला सदस्य अपनी अपनी ई- रिक्शा को हर रोज सुबह निकलने से पहले सेनेटाइज करती हैं.
वहीं दूसरी ओर जब वो शाम को घर पहुंचती हैं, तब भी रिक्शा को सेनेटाइज करती है. अपनी सुरक्षा का ख्याल रखने के साथ ही ई-रिक्शा में बैठने वाले कोरोना वारियर्स की भी सुरक्षा का ध्यान भी बखूबी रखती हैं. शहर के अलग - अलग थाना क्षेत्रों को कवर रही सुपर-21 की टीम शहर के सीमांत क्षेत्रों तक डॉक्टर्स और नर्स को पहुंचाती है और मेडिकल प्रकिया पूरी होने के बाद वापस उन्हें उनके मुकाम तक पहुंचाती है.
ई-रिक्शा चलाने वाली पिंकी कौशल ने बताया कि, महामारी के दौर में जहां कोरोना वारियर्स अपनी जान की परवाह किये बगैर लोगों की जान बचाने में जुटे है. ऐसे में उनके लिये एक सेवक के तौर पर दायित्व निभाना पूरी टीम को पसंद आ रहा है. सुपर - 21 टीम को AICTSL द्वारा कुछ मानदेय भी दिया जाएगा. वहीं हर 10 दिन में इन युवतियों और महिलाओं के घर के राशन की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी प्रशासन उठा रहा है. 2 मई से शुरू की गई व्यवस्था के बाद इंदौर की सुपर - 21 की टीम का हौंसला कोरोना की जंग में देखते ही बनता है.