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'कल' बचाने के लिए 'आज' की कुर्बानी, स्वच्छ पर्यावरण के लिए शुरू होगा 'नो व्हीकल-डे'

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Published : Jul 3, 2019, 5:56 PM IST

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इंदौर प्रशासन ने शहर में 'नो व्हीकल डे' अभियान को शुरु करने का फैसला किया है. इसके लिए सबसे पहले प्रशासन ने शहर की आम जनता से उसकी राय जानना शुरू की है.

स्वच्छ पर्यावरण के लिए शुरू होगा 'नो व्हीकल-डे'

इंदौर| दूसरे शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इंदौर में स्थानीय प्रशासन ने नई कवायद शुरू करने जा रही है. शहर में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार की है. जिसके अंतर्गत एक दिन नो व्हीकल घोषित करने को लेकर तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन इसके लिए सबसे पहले प्रशासन ने शहर की आम जनता से उसकी राय जाननी शुरू की है.

इंदौर प्रशासन एक दिन 'नो व्हीकल डे' मनाने की प्लानिंग कर रहा है. इस योजना को शुरु करने के पहले प्रशासन शहर के बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधियों सहित अन्य सामाजिक संगठनों से चर्चा करने जा रहा है. जिसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा. शुरुआती दौर में चार पहिया वाहन पर ही एक दिन की रोक लगाई जाएगी.

स्वच्छ पर्यावरण के लिए शुरू होगा 'नो व्हीकल-डे'

इस अभियान की शुरुआत इंदौर से की जाएगी, सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे शुरू किया जाएगा. इस अभियान में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वो ऐसा कौन सा दिन तय करे, जिस दिन शहर में नो व्हीकल डे लागू हो सके. प्रशासन के मुताबिक सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया जाएगा और उसी के बाद ये परियोजना लागू की जाएगी.

संभागायुक्त के इस निर्णय से पर्यावरण संरक्षण में भी सफलता मिलेगी. अधिकारियों का मानना है कि विश्व में कई शहर ऐसे हैं, जहां पर ये नियम लागू हैं. ऐसे में यदि प्रयोग के तौर पर इंदौर में भी इसे लागू किया जाए तो ये एक अच्छा संदेश बन सकता है.

इंदौर| दूसरे शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इंदौर में स्थानीय प्रशासन ने नई कवायद शुरू करने जा रही है. शहर में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार की है. जिसके अंतर्गत एक दिन नो व्हीकल घोषित करने को लेकर तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन इसके लिए सबसे पहले प्रशासन ने शहर की आम जनता से उसकी राय जाननी शुरू की है.

इंदौर प्रशासन एक दिन 'नो व्हीकल डे' मनाने की प्लानिंग कर रहा है. इस योजना को शुरु करने के पहले प्रशासन शहर के बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधियों सहित अन्य सामाजिक संगठनों से चर्चा करने जा रहा है. जिसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा. शुरुआती दौर में चार पहिया वाहन पर ही एक दिन की रोक लगाई जाएगी.

स्वच्छ पर्यावरण के लिए शुरू होगा 'नो व्हीकल-डे'

इस अभियान की शुरुआत इंदौर से की जाएगी, सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे शुरू किया जाएगा. इस अभियान में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वो ऐसा कौन सा दिन तय करे, जिस दिन शहर में नो व्हीकल डे लागू हो सके. प्रशासन के मुताबिक सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया जाएगा और उसी के बाद ये परियोजना लागू की जाएगी.

संभागायुक्त के इस निर्णय से पर्यावरण संरक्षण में भी सफलता मिलेगी. अधिकारियों का मानना है कि विश्व में कई शहर ऐसे हैं, जहां पर ये नियम लागू हैं. ऐसे में यदि प्रयोग के तौर पर इंदौर में भी इसे लागू किया जाए तो ये एक अच्छा संदेश बन सकता है.

Intro:दूसरे शहरों में बढ़ते प्रदूषण से सबक लेते हुए अब इंदौर में स्थानीय प्रशासन के द्वारा नई कवायद शुरू की जा रही है जिसमें शहर में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार की है इस योजना के अंतर्गत एक दिन नो व्हीकल घोषित करने को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू की है लेकिन इसके लिए सबसे पहले प्रशासन ने शहर की आम जनता से उसकी राय जानना शुरू किया है


Body:इंदौर में जिला प्रशासन के द्वारा एक दिन नो व्हीकल डे बनाने की प्लानिंग की जा रही है इस कवायद को अमलीजामा पहनाने से पूर्व प्रशासन शहर के बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधियों सहित अन्य सामाजिक संगठनों से चर्चा करने जा रहा है जिसके बाद इस पूरे मामले पर कोई निर्णय लिया जाएगा संभागायुक्त ने शहर में सप्ताह में 1 दिन वाहनों पर विराम लगाने की योजना बनाई है इसे लेकर के यह पूरी कवायद की जा रही है हालांकि शुरुआती दौर में चार पहिया वाहन पर ही 1 दिन के लिए रोक लगाने की बात कही जा रही है प्रयोग के तौर पर इंदौर से इस अभियान की शुरुआत की जाएगी जो कि सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी शुरू किया जा सकता है फिलहाल इस अभियान में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह ऐसा कौन सा दिन तय किया जाए जिस दिन शहर में नो व्हीकल डे लागू हो सबसे बड़ी चुनौती प्रशासन के सामने चार पहिया वाहनों को लेकर है क्योंकि सप्ताह में रविवार के दिन आम जनता परिवार के साथ घूमने बाहर निकलती है वहीं अन्य दिनों में ऑफिस और अन्य जगहों पर जाने के लिए लोग अपनी गाड़ियों का उपयोग करते हैं प्रशासन के मुताबिक सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया जाएगा और उसी के बाद यह परियोजना लागू की जाएगी

बाईट - आकाश त्रिपाठी, संभागायुक्त


Conclusion:संभागायुक्त के द्वारा लिए गए इस निर्णय से पर्यावरण संरक्षण में भी सफलता हासिल होगी हालांकि अधिकारियों का मानना है कि विश्व में कई शहर ऐसे हैं जहां पर यह नियम लागू है ऐसे में यदि प्रयोग के तौर पर इंदौर में भी इसे लागू किया जाए तो यह एक अच्छा संदेश बन सकता है
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