इंदौर। महू में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर समेत 20 अन्य लोगों के खिलाफ शिकायती आवेदन लेने से इनकार करने पर पुलिस की गंभीर लापरवाही है. कानून विशेषज्ञ के मुताबिक पहले मामला दर्ज किया जाना था, उसके बाद जांच होनी थी.
महू के बड़गोंडा में वन विभाग के कार्यालय से जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली जबरिया ले जाने के मामले में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर समेत 20 लोगों के खिलाफ की गई शिकायत में पुलिस अब तक कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. इतना ही नहीं पुलिस खुद को इस मामले से अनभिज्ञ बता रही है. वहीं इस मामले में वन विभाग की टीम मौके पर जांच के लिए पहुंच गई है.
इधर कानून के जानकारों ने पुलिस की कार्रवाई को गैर जिम्मेदाराना मानकर प्रकरण में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की जरूरत बताई है. इंदौर में वरिष्ठ अधिवक्ता सूरज उपाध्याय का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी ऐसे मामलों में व्यवस्था दी गई है की शिकायत पर सबसे पहले प्रकरण दर्ज किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर ऊषा ठाकुर के नाम पर शिकायत की गई थी, तो पुलिस को पहले शिकायत दर्ज करनी थी. उसके बाद पुलिस को जांच करना था, जांच में अगर कुछ नहीं निकलता तो पुलिस मामले को खत्म कर देती.
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क्या है मामला?
महू क्षेत्र के बडगोंडा पुलिस थाने में वन परिक्षेत्र के सहायक राम सुरेश दुबे ने लिखित आवेदन दिया है. जिसमें कहा गया है कि महू वन क्षेत्र मैं बड़गोंदा कक्ष क्रमांक 6 में कुछ लोगों द्वारा वन क्षेत्र की भूमि में खुदाई कर अवैध मोरम निकाली जा रही थी और मार्ग बनाया जा रहा था. वन विभाग ने 10 जनवरी को एक जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर और एक ट्राली जो बिना नंबर की थी, उसे जब्त कर मामला दर्ज किया. डिप्टी रेंजर आर.एस. दुबे ने आरोप लगाया है कि मंत्री उषा ठाकुर, मनोज पाटीदार, सुनील यादव निवासी कोदरिया, अनिल जोशी महू, वीरेंद्र अंजाना भंवरा सुनील पाटीदार पलासिया, प्रदीप पाटीदार और सूरज पाटीदार निवासी नाहर खेड़ा अपने साथियों सहित बड़गोदा परिसर में आए और जब्त किए गए वाहनों को उठाकर ले गये. मामला सामने आने के बाद कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है.
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मंत्री उषा ठाकुर ने दी सफाई
पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि मैं पर्यटन विभाग के दौरे पर केरल आई हूं. मुझे मीडिया के जरीए मामले की जानकारी मिली. इस वीडियो मैसेज में उन्होने कहा कि पंचायत बसी पिपरी, जो कोडरिया से लगभाग 12-15 किलोमीटर की दूर पर है. वहां 520 मतदाता रोंडा बूथ पर रहते हैं. लगभग 50 मीटर का मार्ग इलाके में खुद पड़ा है, जिससे आने-जाने वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लोगों के कष्ट को देखते हुए बीजेपी कार्यकर्ता मनोज पाटीदार ने अपने खेत की मिट्टी से उस रोड का समतलीकरण कर दिया जिससे रहवासियों को कोई परेशानी ना हो. यही समतलीकरण विवाद का कारण बना.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मंत्री उषा ठाकुर का कहना है इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ता मनोज पाटीदार ने कई बार वन विभाग को जानकारी दी थी. जहां तक मेरा सवाल है तो मैं इस बारे में बताना चाहती हूं कि मंगलवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर मंडल में करोड़ो रुपए के विकास कार्य का लोकार्पण हुआ. कार्यक्रम में शामिल होकर उसी मार्ग से लौटने के दौरान का एक वीडियो बनाया गया. जिसे बाद में कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने जारी कर मामले में मेरा नाम जोड़ा. ये ओछी राजनीति का तरीका है. वीडियो जारी करने के पीछे की मंशा को जनता अच्छे से समझ रही है. सारा घटनाक्रम वन मंत्री कुंवर विजय शाह के संज्ञान में डाल दिया गया है. उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं, जो भी दोषी होगा उसे सजा मिलेगी.