इंदौर: इंदौर के कोषालय में पदस्थ रहे क्लर्क मिलाप चौहान के खिलाफ गबन के मामले में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जांच के दौरान पता चला है कि एक नहीं बल्कि अब तक शासन की तीन करोड़ से ज्यादा की रकम क्लर्क ने बीते 3 साल के दौरान अपनी पत्नी मनीषा समेत रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की है. इतना ही नहीं अपनी अनैतिक गतिविधियों और अय्याशी में भी मिलाप चौहान शासन की कोरोना राहत राशि के खाते से ऑनलाइन पेमेंट किया गया है.
इंदौर में तैनात था क्लर्क: कलेक्टर इलैया राजा टी के मुताबिक, संबंधित क्लर्क 2015 से इंदौर में पदस्थ है. लिहाजा अब जांच दल द्वारा इसके पूरे कार्यकाल की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि "यह राशि जांच पड़ताल के बाद 3 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है. फिलहाल कई पहलुओं पर मिलाप चौहान से पूछताछ की जा रही है. मिलाप चौहान 2015 में इंदौर कलेक्टर कार्यालय में सहायक वर्ग-3 के पद पर पदस्थ हुआ था, लेकिन तब से अब तक की जा रही गड़बड़ी का जिला कोषालय को पता ही नहीं चला.
ये खबरें भी पढ़ें... |
सहायक वर्ग-3 के बाबू के कारनामों की जांच: उन्होंने बताया कि "भोपाल से मिले निर्देश पर सहायक वर्ग-3 के बाबू के कारनामों की जांच की गई, जिसमें शुरुआत में एक करोड़ से अधिक की राशि का गबन सामने आया था. फिलहाल चौथे दिन तक की जांच में 3 करोड़ से अधिक की राशि का गबन सामने आ चुका है. अभी इस पूरे जांच की फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि यह राशि का आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है. फिलहाल जांच टीम आरोपी बाबू मिलाप चौहान की 2015 से अब तक की कार्यों की जांच कर रही है.