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23 मई से शनि की साढ़ेसाती की शुरूआत, 141 दिन तक रहेंगे वक्री

ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य राम शर्मा वैदिक ने बताया कि 23 मई से 2021 से शनि देव अपनी ही राशि में रहेंगे. जिसके स्वामी वह खुद हैं.

saturn of the outbreak
आचार्य राम शर्मा वैदिक
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Published : May 19, 2021, 10:54 AM IST

इंदौर। देश में जिस प्रकार हालात निर्मित हुए हैं. उसमें कहीं ना कहीं शनिदेव का प्रभाव नजर आ रहा है. ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य राम शर्मा वैदिक ने बताया कि 23 मई से 2021 से शनि देव अपनी ही राशि में रहेंगे. जिसके स्वामी वह खुद हैं. हालांकि, आप शनि की साढ़े साती की दूसरी ढैय्या से गुजर रहे हैं. इसलिए, आपके लिए यह साल मिले-जुले प्रभाव वाला रहेगा. इस दौरान स्वास्थ के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है. स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ सकता है. दांपत्य जीवन में तनाव रहने की आशंका हैं.

कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए मचेगी होड़

आचार्य राम शर्मा वैदिक ने बताया कि इस 5 माह तक शनि की वक्र गति से देश-दुनिया में अप्रत्याशित घटनाएं घटित होगी. हालांकि इस दौरान देश में कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों में रुचि जागृत होगी, साथ ही कोरोना वैक्सीन लगाने की देश-दुनिया में होड़ मचेगी. वही बात करे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस तो अक्टूबर तक यह शनि इस महामारी में कमी लाएगा. हालांकि, इस दौरान कार्य-क्षेत्र में मेहनत करने पर निश्चित सफलता मिलेगी.

आचार्य राम शर्मा वैदिक

23 मई से 141 दिन तक वक्री रहेंगे शनि

व्यावसायिक उद्देश्य से दूरदराज की यात्रा फलदायी हो सकती है. पैतृक संपत्ति से जुड़े कामों में तेजी आ सकती है. इस दौरान आपको अचानक धन की प्राप्ति की भी संभावना है. इस साल की खास बात यह है कि शनि लगभग पांच महीने यानी शनि 23 मई, 2021 की सुबह वक्री होंगे होकर 141 दिन तक वक्री स्थिति में रहेंगे और इसके बाद 11 अक्टूबर की सुबह फिर मार्गी हो जाएंगे. वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर साल भर शनि की साढ़े साती का असर भी बना रहेगा. वैदिक ज्योतिष आचार्य राम शर्मा वेदक के अनुसार शनि जिस राशि में भ्रमण करते हैं, उस राशि के साथ-साथ अपने से दूसरी और बारहवीं राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है. जब चंद्र राशि से शनि चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं, तो लघुकल्याणी ढैय्या लगती है. इस प्रकार वर्ष 2021 में मिथुन और तुला राशियां लघु कल्याणी ढैय्या के प्रभाव में रहेंगी.

ड्राइवर का कबूलनामा! 'मुझे मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर से मिले इंजेक्शन'

इन राशियों पर शनिदेव मेहरबान

कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि वालों के लिए शनि देव खुशियों की सौगातें देंगे. मिथुन, सिंह और कुंभ राशि वालों को खास तौर पर संभलकर रहना होगा. मेष, वृषभ और कर्क राशि वालों को मिलेजुले परिणाम मिलेंगे. मिलेजुले परिणाम मेष इस राशि वालों को मेहनत का पूरा फल मिलेगा. पिता को कुछ शारीरिक कष्ट उठाना पड़ सकता है. पिता से संबंधों और सेहत को लेकर सावधानी रखनी होगी लेकिन कार्यक्षेत्र में आप सफलता की उम्मीद कर सकते हैं. वृषभ इस राशि वालों वर्ष की शुरुआत में शनि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रहेंगे, जिसके चलते आपको मिले-जुले नतीजे मिलेंगे. उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे जातकों को उनकी मेहनत का फल मिलेगा. हालांकि इस दौरान आपका मानसिक तनाव बढ़ सकता है. आपके भाई-बहनों के लिए समय अच्छा नहीं है और उन्हें कुछ समस्या हो सकती है.

इंदौर। देश में जिस प्रकार हालात निर्मित हुए हैं. उसमें कहीं ना कहीं शनिदेव का प्रभाव नजर आ रहा है. ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य राम शर्मा वैदिक ने बताया कि 23 मई से 2021 से शनि देव अपनी ही राशि में रहेंगे. जिसके स्वामी वह खुद हैं. हालांकि, आप शनि की साढ़े साती की दूसरी ढैय्या से गुजर रहे हैं. इसलिए, आपके लिए यह साल मिले-जुले प्रभाव वाला रहेगा. इस दौरान स्वास्थ के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है. स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ सकता है. दांपत्य जीवन में तनाव रहने की आशंका हैं.

कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए मचेगी होड़

आचार्य राम शर्मा वैदिक ने बताया कि इस 5 माह तक शनि की वक्र गति से देश-दुनिया में अप्रत्याशित घटनाएं घटित होगी. हालांकि इस दौरान देश में कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों में रुचि जागृत होगी, साथ ही कोरोना वैक्सीन लगाने की देश-दुनिया में होड़ मचेगी. वही बात करे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस तो अक्टूबर तक यह शनि इस महामारी में कमी लाएगा. हालांकि, इस दौरान कार्य-क्षेत्र में मेहनत करने पर निश्चित सफलता मिलेगी.

आचार्य राम शर्मा वैदिक

23 मई से 141 दिन तक वक्री रहेंगे शनि

व्यावसायिक उद्देश्य से दूरदराज की यात्रा फलदायी हो सकती है. पैतृक संपत्ति से जुड़े कामों में तेजी आ सकती है. इस दौरान आपको अचानक धन की प्राप्ति की भी संभावना है. इस साल की खास बात यह है कि शनि लगभग पांच महीने यानी शनि 23 मई, 2021 की सुबह वक्री होंगे होकर 141 दिन तक वक्री स्थिति में रहेंगे और इसके बाद 11 अक्टूबर की सुबह फिर मार्गी हो जाएंगे. वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर साल भर शनि की साढ़े साती का असर भी बना रहेगा. वैदिक ज्योतिष आचार्य राम शर्मा वेदक के अनुसार शनि जिस राशि में भ्रमण करते हैं, उस राशि के साथ-साथ अपने से दूसरी और बारहवीं राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है. जब चंद्र राशि से शनि चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं, तो लघुकल्याणी ढैय्या लगती है. इस प्रकार वर्ष 2021 में मिथुन और तुला राशियां लघु कल्याणी ढैय्या के प्रभाव में रहेंगी.

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