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Urban Body Elections : आरक्षण का मामला पहुंचा High Court, याचिका स्वीकार, अवमानना करने के तर्क - कांग्रेस नेता जयेश गुरनानी ने लगाई याचिका

नगर निगम चुनाव को लेकर पिछले दिनों आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हुई. लेकिन आरक्षण की प्रक्रिया में कई तरह की विसंगतियां सामने आई हैं. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगी हुई हैं. कहा गया है कि आरक्षण प्रक्रिया में कोर्ट की अवमानना हुई है. (Reservation matter reached High Court) (Petition accepted for hearing) (Arguments for contempt)

Reservation matter reached High Court
आरक्षण का मामला पहुंचा High Court
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Published : Jun 1, 2022, 12:38 PM IST

इंदौर। सर्वोच्च न्यायालय तथा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेशों की अवमानना कर 25 मई को नगर पालिका निगम के वार्डों के किये गये आरक्षण के विरुद्ध 31 मई को कांग्रेस ने उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की है. कोर्ट ने याचिका सुनवाई के स्वीकार कर ली है.

कांग्रेस नेता जयेश गुरनानी ने लगाई याचिका : युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी एवं पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने संयुक्त रूप से अभिभाषक विभोर खण्डेलवाल के माध्यम से अवमानना याचिका दायर करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 10 मई 2022 को निर्वाचन की अधिसूचना 15 दिवस में जारी करने के आदेश दिए थे. आदेश में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा के. कृष्णमूर्ति विरुद्ध यूनियन ऑफ़ इंडिया के प्रकरण में दिये गए निर्देशों अनुसार आरक्षण करने तथा सभी लंबित याचिकाओं को प्रभाव शुन्य मानते हुवे निर्वाचन कि अधिसूचना जारी करने का उल्लेख किया है.

पहले अधिसूचना निरस्त हो गई थी : उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के न्यायाधिपति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने भी 10 जनवरी 2022 को जयेश गुरनानी एवं दिलीप कौशल कि याचिका पर अंतिम निर्णय देते हुए इंदौर नगर निगम के 85 वार्डों के आरक्षण सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के नगर निगमों के आरक्षण की अधिसूचना को निरस्त किया था. वर्तमान में गत 25 मई को मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश पर इंदौर सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश कि नगर निगमों के वार्डो के आरक्षण कि कार्रवाई की गई थी.

आदेश के पालन होने का हवाला दिया : इंदौर नगर निगम के वार्डों के आरक्षण में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा के. कृष्णमूर्ति विरुद्ध यूनियन ऑफ़ इंडिया के प्रकरण में दिये गए निर्देशों तथा माननीय उच्च न्यायलय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी 10 जनवरी 2022 को भी जयेश गुरनानी एवं दिलीप कौशल कि याचिका में अभिभाषक विभोर खण्डेलवाल के तर्कों से सहमत होकर पारित अंतिम आदेश का पालन नहीं किया गया था.

Urban Body Elections : नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण का काम पूरा, लिस्ट में देखें ..किसे, कहां, क्या मिला

पहले नोटिस जारी हुआ था : याचिकाकर्ता द्वारा आरक्षण कि प्रक्रिया के दौरान कंटेम ऑफ़ कोर्ट का नोटिस प्रशासन को दिया गया था, जिसके बाद भी प्रशासन द्वारा न्यायालीन आदेशों की अवमानना कर केवल OBC के वार्डों का आरक्षण किया गया तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वार्डो को पूर्ववत रखा गया. इस उच्च न्यायलय द्वारा युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी एवं पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की संयुक्त रूप से प्रस्तुत अवमानना याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार किया.

(Reservation matter reached High Court) (Petition accepted for hearing) (Arguments for contempt)

इंदौर। सर्वोच्च न्यायालय तथा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेशों की अवमानना कर 25 मई को नगर पालिका निगम के वार्डों के किये गये आरक्षण के विरुद्ध 31 मई को कांग्रेस ने उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की है. कोर्ट ने याचिका सुनवाई के स्वीकार कर ली है.

कांग्रेस नेता जयेश गुरनानी ने लगाई याचिका : युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी एवं पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने संयुक्त रूप से अभिभाषक विभोर खण्डेलवाल के माध्यम से अवमानना याचिका दायर करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 10 मई 2022 को निर्वाचन की अधिसूचना 15 दिवस में जारी करने के आदेश दिए थे. आदेश में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा के. कृष्णमूर्ति विरुद्ध यूनियन ऑफ़ इंडिया के प्रकरण में दिये गए निर्देशों अनुसार आरक्षण करने तथा सभी लंबित याचिकाओं को प्रभाव शुन्य मानते हुवे निर्वाचन कि अधिसूचना जारी करने का उल्लेख किया है.

पहले अधिसूचना निरस्त हो गई थी : उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के न्यायाधिपति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने भी 10 जनवरी 2022 को जयेश गुरनानी एवं दिलीप कौशल कि याचिका पर अंतिम निर्णय देते हुए इंदौर नगर निगम के 85 वार्डों के आरक्षण सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के नगर निगमों के आरक्षण की अधिसूचना को निरस्त किया था. वर्तमान में गत 25 मई को मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश पर इंदौर सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश कि नगर निगमों के वार्डो के आरक्षण कि कार्रवाई की गई थी.

आदेश के पालन होने का हवाला दिया : इंदौर नगर निगम के वार्डों के आरक्षण में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा के. कृष्णमूर्ति विरुद्ध यूनियन ऑफ़ इंडिया के प्रकरण में दिये गए निर्देशों तथा माननीय उच्च न्यायलय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी 10 जनवरी 2022 को भी जयेश गुरनानी एवं दिलीप कौशल कि याचिका में अभिभाषक विभोर खण्डेलवाल के तर्कों से सहमत होकर पारित अंतिम आदेश का पालन नहीं किया गया था.

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पहले नोटिस जारी हुआ था : याचिकाकर्ता द्वारा आरक्षण कि प्रक्रिया के दौरान कंटेम ऑफ़ कोर्ट का नोटिस प्रशासन को दिया गया था, जिसके बाद भी प्रशासन द्वारा न्यायालीन आदेशों की अवमानना कर केवल OBC के वार्डों का आरक्षण किया गया तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वार्डो को पूर्ववत रखा गया. इस उच्च न्यायलय द्वारा युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी एवं पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की संयुक्त रूप से प्रस्तुत अवमानना याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार किया.

(Reservation matter reached High Court) (Petition accepted for hearing) (Arguments for contempt)

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