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Budget Reaction केंद्र के आम बजट में दी गईं राहत को लेकर क्या कहता है उद्योग जगत

बुधवार को आए केंद्र के आम बजट को लेकर उद्योगपति खुश नहीं हैं. उद्योगपतियों का कहना है कि केंद्र सरकार के दावे धरातल पर सही साबित नहीं होंगे. उद्योगों को केंद्र सरकार द्वारा कोई खास राहत नहीं दिए जाने से उद्योद जगत निराश होगा.

Reaction of industry
पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी
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Published : Feb 1, 2023, 5:07 PM IST

पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी

इंदौर। देश के आम बजट को जहां लोकलुभावन बताया जा रहा है. वहीं उद्योग व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिहाज से उद्योग प्रतिनिधियों ने बजट को सामान्य बताया है. बजट भाषण पर चर्चा करते हुए इंदौर में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया जताई है. पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी के अनुसार भारत सरकार ने नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख की है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा राजकोषीय घाटा है जो 5.9% है.

आयकर में छूट पर बोले : गौतम कोठारी ने कहा कि यह घाटा कुल बजट का करीब 40 फ़ीसदी है. इसलिए आम आदमी को इस घोषणा से राहत मुश्किल से मिल पाएगी, जो भी बचत होगी. वह महंगाई में खर्च हो जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ाने के साथ मोटे अनाज को स्वास्थ्य के लिहाज से प्रोत्साहित करने पर बल दिया है लेकिन सरकार ने इसके प्रसंस्करण की कोई व्यवस्था तय नहीं की है. जब तक मोटे अनाज का प्रसंस्करण नहीं होगा या उसको निर्यात नहीं किया जाएगा तब तक इस घोषणा से लाभ मिलना मुश्किल है.

Budget 2023 पेश, यहां एक क्लिक में जानें बजट की बारीकियां

उद्योगों को राहत नहीं : कोठारी ने कहा कि दरअसल फिलहाल भारत डेढ़ सौ से 200 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था वाला देश है. बजट में इसे 7 ट्रिलियन डॉलर करने के दावे किए गए हैं, जो धरातल पर उचित नहीं हैं. क्योंकि सालभर में उत्पादन से लेकर फैक्ट्री सेवा सर्विस और सारी व्यापारिक एक्टिविटी को 3 से साढ़े तीन गुना करना कठिन काम है. बजट में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को ब्याज दर में 1% छूट की राहत मिली है. इसे उद्योग प्रतिनिधियों ने ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है. श्री कोठारी के मुताबिक क्रेडिट गारंटी नए उद्योगों को दी गई है लेकिन जो उद्योग पहले से चल रहे हैं उनके लिए कोई राहत बजट में नहीं है. बजट में भारत सरकार ने विभिन्न योजनाओं में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को राहत दी है, जिससे समाज में पिछड़े लोगों को राहत मिल सकेगी हालांकि उद्योग और अन्य सेक्टरों को इस घोषणा से ज्यादा आशान्वित नहीं होना चाहिए.

पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी

इंदौर। देश के आम बजट को जहां लोकलुभावन बताया जा रहा है. वहीं उद्योग व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिहाज से उद्योग प्रतिनिधियों ने बजट को सामान्य बताया है. बजट भाषण पर चर्चा करते हुए इंदौर में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया जताई है. पीथमपुर उद्योग संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी के अनुसार भारत सरकार ने नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख की है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा राजकोषीय घाटा है जो 5.9% है.

आयकर में छूट पर बोले : गौतम कोठारी ने कहा कि यह घाटा कुल बजट का करीब 40 फ़ीसदी है. इसलिए आम आदमी को इस घोषणा से राहत मुश्किल से मिल पाएगी, जो भी बचत होगी. वह महंगाई में खर्च हो जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ाने के साथ मोटे अनाज को स्वास्थ्य के लिहाज से प्रोत्साहित करने पर बल दिया है लेकिन सरकार ने इसके प्रसंस्करण की कोई व्यवस्था तय नहीं की है. जब तक मोटे अनाज का प्रसंस्करण नहीं होगा या उसको निर्यात नहीं किया जाएगा तब तक इस घोषणा से लाभ मिलना मुश्किल है.

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उद्योगों को राहत नहीं : कोठारी ने कहा कि दरअसल फिलहाल भारत डेढ़ सौ से 200 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था वाला देश है. बजट में इसे 7 ट्रिलियन डॉलर करने के दावे किए गए हैं, जो धरातल पर उचित नहीं हैं. क्योंकि सालभर में उत्पादन से लेकर फैक्ट्री सेवा सर्विस और सारी व्यापारिक एक्टिविटी को 3 से साढ़े तीन गुना करना कठिन काम है. बजट में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को ब्याज दर में 1% छूट की राहत मिली है. इसे उद्योग प्रतिनिधियों ने ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है. श्री कोठारी के मुताबिक क्रेडिट गारंटी नए उद्योगों को दी गई है लेकिन जो उद्योग पहले से चल रहे हैं उनके लिए कोई राहत बजट में नहीं है. बजट में भारत सरकार ने विभिन्न योजनाओं में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को राहत दी है, जिससे समाज में पिछड़े लोगों को राहत मिल सकेगी हालांकि उद्योग और अन्य सेक्टरों को इस घोषणा से ज्यादा आशान्वित नहीं होना चाहिए.

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