ETV Bharat / state

काबुली चने के कारोबारियों पर मुंबई कस्टम विभाग ने मारा छापा - indore news

इंदौर में हो रही काबुली चने की कालाबाजारी पर कार्रवाई करते हुए मुंबई कस्टम की टीम ने छापा मारा है.

kabuli-chana-enterprises-in-indore
काबुली चने के कारोबारियों पर कार्रवाई
author img

By

Published : Jan 24, 2020, 9:14 AM IST

Updated : Jan 25, 2020, 12:06 AM IST

इंदौर। जिले से काबुली चने की मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का मामला सामने आया है. जिले के करीब एक दर्जन अनाज व्यापारी इंपोर्ट एक्सपोर्ट के बहाने किसानों को ठगने में जुटे थे. जब मुंबई कस्टम की टीम ने छारेमार कार्रवाई की तो इन व्यापारियों के गोरखधंधे का खुलासा हुआ.

काबुली चने के कारोबारियों पर कार्रवाई
दरअसल एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय और डीजीएफटी में इस मामले की शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए इंदौर की रजत इंटरप्राइजेज, प्रकाश ओवरसीज़, पवन इंडस्ट्री और इंद्रप्रस्थ फूड प्राइवेट लिमिटेड पर 10 से ज्यादा टीमों ने छापेमार कार्रवाई की.बता दें कि व्यापारियों की फर्मों ने 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल चने के भाव को गिराकर लगभग 4500 रुपए पर ले आए, साथ ही इन व्यापारियों ने जो चने को 2800 रुपए प्रति क्विंटल से भाव से इम्पोर्ट किया, वो माल 4100-4300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेसन प्लांट्स को बेचकर मुनाफा कमाया.इंडियन काबुली चने की डिमांड विदेशों में कमजोर थी. इन हालातों में माल को 90 दिनों के भीतर इम्पोर्ट अगेंस्ट एक्सपोर्ट करना जरूरी होता है, लिहाज़ा इन व्यापारियों ने लगातार बाजार भाव को गिराते हुए डिमांड न होते हुए भी कम भाव का लालच देते हुए माल एक्सपोर्ट किया. फरवरी से मई तक महज 3-4 महीनों में मध्यप्रदेश का किसान के लगभग 25 लाख बोरी माल का भाव 500 से 1000 रुपये गिराया गया और करोड़ों-अरबों रुपए का मुनाफा बड़े व्यापारियों को हुआ.

इंदौर। जिले से काबुली चने की मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का मामला सामने आया है. जिले के करीब एक दर्जन अनाज व्यापारी इंपोर्ट एक्सपोर्ट के बहाने किसानों को ठगने में जुटे थे. जब मुंबई कस्टम की टीम ने छारेमार कार्रवाई की तो इन व्यापारियों के गोरखधंधे का खुलासा हुआ.

काबुली चने के कारोबारियों पर कार्रवाई
दरअसल एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय और डीजीएफटी में इस मामले की शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए इंदौर की रजत इंटरप्राइजेज, प्रकाश ओवरसीज़, पवन इंडस्ट्री और इंद्रप्रस्थ फूड प्राइवेट लिमिटेड पर 10 से ज्यादा टीमों ने छापेमार कार्रवाई की.बता दें कि व्यापारियों की फर्मों ने 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल चने के भाव को गिराकर लगभग 4500 रुपए पर ले आए, साथ ही इन व्यापारियों ने जो चने को 2800 रुपए प्रति क्विंटल से भाव से इम्पोर्ट किया, वो माल 4100-4300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेसन प्लांट्स को बेचकर मुनाफा कमाया.इंडियन काबुली चने की डिमांड विदेशों में कमजोर थी. इन हालातों में माल को 90 दिनों के भीतर इम्पोर्ट अगेंस्ट एक्सपोर्ट करना जरूरी होता है, लिहाज़ा इन व्यापारियों ने लगातार बाजार भाव को गिराते हुए डिमांड न होते हुए भी कम भाव का लालच देते हुए माल एक्सपोर्ट किया. फरवरी से मई तक महज 3-4 महीनों में मध्यप्रदेश का किसान के लगभग 25 लाख बोरी माल का भाव 500 से 1000 रुपये गिराया गया और करोड़ों-अरबों रुपए का मुनाफा बड़े व्यापारियों को हुआ.
Intro: प्रदेश में बड़े पैमाने पर चने की मुनाफाखोरी और कालाबाजारी सामने आई है दरअसल यह कारनामा इंदौर के करीब एक दर्जन अनाज व्यापारी कर रहे थे जो इंपोर्ट एक्सपोर्ट के बहाने किसानों को थकने में जुटे थे आज मुंबई कस्टम की टीम द्वारा छापे की कार्रवाई के बाद इन व्यापारियों के गोरखधंधे का खुलासा हो गया है
Body:
दरअसल निखिल अग्रवाल नामक एक शिकायतकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय और डीजीएफटी में इस मामले की गई थी इस शिकायत की कार्यवाही के चलते इंदौर की रजत इंटरप्राइजेज जिसके मालिक रजत साडा आशीष कुमार मुकेश कुमार के मालिक मुकेश बंसल प्रकाश ओवरसीज़ के मालिक संजय जैन सहित इंद्रप्रस्थ फूड प्राइवेट लिमिटेड के
दिलीप देवासवाल पवन इंडस्ट्री के रमेश मित्तल सहित अन्य कारोबारियों के यहाँ अलग अलग 10 से ज्यादा टीमों ने पहुंचकर छापे की कारवाही की
इस मामले में प्रथम देश क्या पता चला है कि व्यापारियों की फर्मों ने ना सिर्फ 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल चने के भाव को गिरा कर लगभग 4500 पर ले आये साथ ही इन व्यापारियों ने जो चने को 2800 रुपये प्रति क्विंटल से भाव से इम्पोर्ट किया वह माल 4100 से लेकर 4300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेसन प्लांट्स को बेचकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल मुनाफाखोरी कर डाली ! चूंकी इंडियन काबुली चने की डिमांड विदेशों में कमजोर थी इन हालातों में माल को 90 दिनों के भीतर इम्पोर्ट अगेंस्ट एक्सपोर्ट करना जरूरी होता है, लिहाज़ा इन व्यापारियों ने लगातार बाजार भाव को गिराते हुए डिमाण्ड न होते हुए भी कम भाव का लालच देते हुए माल एक्सपोर्ट किया जिसके चलते बाजार मंदी के मकड़जाल में जकड़ते चले गए । फरवरी से मई तक महज 3-4 महीनों में मध्यप्रदेश का किसान जो लगभग 25 लाख बोरी माल का भाव माह -दर-माह 500 से 1000 रुपये गिराया गया ओर करोड़ों -अरबों रुपये की मुनाफाखोरी इन बड़े व्यापारियों द्वारा की गईConclusion:
Last Updated : Jan 25, 2020, 12:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.