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इंदौर के आंख फोड़वा कांड की जांच कमेटी ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट, कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज

इंदौर के आई हॉस्पिटल के आंख फोड़ कांड में प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप दी है, कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आई हॉस्पिटल के जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाने की अनुशंसा की गई है.

लोकेश जाटवः जिला कलेक्टर
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Published : Aug 22, 2019, 11:53 PM IST

इंदौर। आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए गठित की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप दी है. कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आई हॉस्पिटल के अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाने की अनुशंसा की गई है

इंदौर के आंख फोड़वा कांड की जांच कमेटी ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के साथ-साथ अस्पताल के लिए लीज व अन्य प्रकरण पर भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि टीएस होरा ने इंदौर नेत्र चिकित्सालय की जिस ओटी को 13 अगस्त को सील करने और संक्रमण की वजह जानने के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजने की बात प्रशासन को दिए गये बयान में कही थी. जबकि मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में पत्र लिखते हुए बताया कि जो सैंपल लिए थे उसे 19 अगस्त को मेडिकल कॉलेज भेजा था.

मेडिकल कॉलेज को सात दिन तक सैंपल न मिलने की वजह से संक्रमण की वजह पता नहीं चल पाई थी. इसका पता प्रशासन भी नहीं लगा पाया है, सात दिनों तक ये सैंपल कहां थे. वर्ष 2011 में भी इंदौर आई हॉस्पिटल में 18 लोगों की आंखें चली गई थी. पर उस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग ने शासन के निर्देश का पालन ना करते हुए मामला रफा-दफा कर दिया था. यह बात कलेक्टर खुद स्वीकार कर रहे हैं. इस बार भी इतना होने के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट में डॉक्टर होरा पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा नहीं की है, सिर्फ पुराने प्रकरण में शासन के दिशा निर्देश का पालन न करने की बात का उल्लेख कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा कर पल्ला झाड़ लिया है.

इंदौर। आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए गठित की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप दी है. कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आई हॉस्पिटल के अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाने की अनुशंसा की गई है

इंदौर के आंख फोड़वा कांड की जांच कमेटी ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के साथ-साथ अस्पताल के लिए लीज व अन्य प्रकरण पर भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि टीएस होरा ने इंदौर नेत्र चिकित्सालय की जिस ओटी को 13 अगस्त को सील करने और संक्रमण की वजह जानने के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजने की बात प्रशासन को दिए गये बयान में कही थी. जबकि मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में पत्र लिखते हुए बताया कि जो सैंपल लिए थे उसे 19 अगस्त को मेडिकल कॉलेज भेजा था.

मेडिकल कॉलेज को सात दिन तक सैंपल न मिलने की वजह से संक्रमण की वजह पता नहीं चल पाई थी. इसका पता प्रशासन भी नहीं लगा पाया है, सात दिनों तक ये सैंपल कहां थे. वर्ष 2011 में भी इंदौर आई हॉस्पिटल में 18 लोगों की आंखें चली गई थी. पर उस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग ने शासन के निर्देश का पालन ना करते हुए मामला रफा-दफा कर दिया था. यह बात कलेक्टर खुद स्वीकार कर रहे हैं. इस बार भी इतना होने के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट में डॉक्टर होरा पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा नहीं की है, सिर्फ पुराने प्रकरण में शासन के दिशा निर्देश का पालन न करने की बात का उल्लेख कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा कर पल्ला झाड़ लिया है.

Intro:इंदौर आई हॉस्पिटल नेत्र कांड में प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप दी है कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आई हॉस्पिटल के टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाने की अनुशंसा की गई है टीएस होरा द्वारा पूरे मामले को दबाया गया था और मामले पर पर्दा डालने के प्रयास किए गए थे


Body:इंदौर आई हॉस्पिटल मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है जिसमें जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के साथ-साथ अस्पताल के लिए लीज व अन्य प्रकरण पर भी प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है बताया जा रहा है कि टीएस होरा ने इंदौर नेत्र चिकित्सालय की जिस ओटी को 13 अगस्त को सील करने और संक्रमण की वजह जानने के लिए उसी दिन सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजने की बात प्रशासन को दिए जाने वाले बयान में कही थी जबकि मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में पत्र लिखते हुए बताया कि हो रहा है और इसे जो सैंपल लिए थे उसे 19 अगस्त को मेडिकल कॉलेज भेजा था


Conclusion:मेडिकल कॉलेज को 7 दिन तक सिंपल ना मिलने की वजह से संक्रमण की वजह पता नहीं चल पाई है हालांकि प्रशासन भी है नहीं पता लगा पाया है कि 7 दिनों तक यह सैंपल कहां थे वही बताया जाता है कि वर्ष 2011 इंदौर आई हॉस्पिटल में 18 लोगों की आंखें चली गई थी लेकिन उस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग ने एफ आई आर कराने के शासन के निर्देश का पालन ना करते हुए मामला रफा-दफा कर दिया था यह बात कलेक्टर खुद शिकार कर रहे हैं हालांकि इस बार भी इतना होने के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट में डॉक्टर होरा पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा नहीं की है सिर्फ पुराने प्रकरण में शासन के दिशा निर्देश का पालन न करने की बात का उल्लेख कर हो रहा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा कर पल्ला झाड़ लिया है

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