इंदौर। आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए गठित की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंप दी है. कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आई हॉस्पिटल के अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाने की अनुशंसा की गई है
जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के साथ-साथ अस्पताल के लिए लीज व अन्य प्रकरण पर भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि टीएस होरा ने इंदौर नेत्र चिकित्सालय की जिस ओटी को 13 अगस्त को सील करने और संक्रमण की वजह जानने के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजने की बात प्रशासन को दिए गये बयान में कही थी. जबकि मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में पत्र लिखते हुए बताया कि जो सैंपल लिए थे उसे 19 अगस्त को मेडिकल कॉलेज भेजा था.
मेडिकल कॉलेज को सात दिन तक सैंपल न मिलने की वजह से संक्रमण की वजह पता नहीं चल पाई थी. इसका पता प्रशासन भी नहीं लगा पाया है, सात दिनों तक ये सैंपल कहां थे. वर्ष 2011 में भी इंदौर आई हॉस्पिटल में 18 लोगों की आंखें चली गई थी. पर उस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग ने शासन के निर्देश का पालन ना करते हुए मामला रफा-दफा कर दिया था. यह बात कलेक्टर खुद स्वीकार कर रहे हैं. इस बार भी इतना होने के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट में डॉक्टर होरा पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा नहीं की है, सिर्फ पुराने प्रकरण में शासन के दिशा निर्देश का पालन न करने की बात का उल्लेख कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा कर पल्ला झाड़ लिया है.