इंदौर। शहर में ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. बार-बार खराब हो रहे सिगनल्स और चौराहे से गायब ट्रैफिक पुलिस के कारण शहर में आए दिन जाम के हालात बन रहे हैं. शहर के कई चौराहे ऐसे भी हैं, जहां पर ट्रैफिक सिग्नल के अभाव में यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. हालांकि शहर में स्मार्ट सिग्नल लगाने का काम 2020 में पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना काल के कारण यह काम शुरू ही नहीं हो सका. अब ट्रैफिक पुलिस जल्द ही इस काम को पूरा करने की बात भले ही कह रही हो, लेकिन शहर में लगातार बढ़ती जाम की समस्या से निपटना उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
शहर के कई चौराहे ऐसे हैं, जो कि ट्रैफिक सिग्नल के अभाव में जाम की समस्या को झेल रहे हैं. शहर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव के सामने सिगनल ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम को बनाए रखना यातायात पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. शहर के 52 चौराहों पर लगे ट्रेफिक सिग्नल्स में कई स्थानों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए जेबरा क्रॉसिंग की व्यवस्था भी नहीं है. जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, हालांकि यातायात विभाग लगातार दावे कर रहा है कि शहर में लगे सभी ट्रैफिक सिग्नल चालू है, लेकिन कई बार यह ट्रैफिक सिग्नल अपने आप बंद होने के कारण लोगों को लगने वाले जाम से सामना करना होता है
.हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश के बावजूद नहीं सुधरे हालातहाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने यातायात सुधार के लिए लगी जनहित याचिका पर सुनवाई में यह आदेश दिया था कि हर चौराहे पर सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक यातायात पुलिस के 2 जवानों को तैनात रखा जाए. साथ ही ट्रैफिक सिग्नल्स को भी 24 घंटे चालू रखने की बात जनहित याचिका के बाद कोर्ट ने कही थी. इसके लिए पुलिस बल की संख्या में इजाफा करने की बात भी कही गई थी. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इंदौर शहर के चौराहों पर यातायात व्यवस्था बिगड़ी हुई है. कई चौराहों पर एक ही ट्रैफिक जवान ड्यूटी कर रहा है, तो कई चौराहों पर सिगनल्स अपने आप बंद हो रहे हैं.
स्मार्ट सिग्नल का काम कोरोना की वजह से नहीं शुरू हो सका इंदौर शहर में 65 स्थानों पर अत्याधुनिक ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाना थे. यह काम 2020 के अंत तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण इसकी शुरूआत नहीं हो सकी. यह सिग्नल इतने स्मार्ट थे कि ट्रैफिक के दबाव को देखकर वह खुद ही सिग्नल की टाइम को तय कर देते थे. इनकी रेंज भी 150 मीटर तक की थी. वर्तमान में इंदौर में जो सिग्नल लगे हैं उनकी रेंज 20 से 25 मीटर तक की ही है. नई तकनीक के इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिग्नल लगने के कारण शहर में कई हद तक ट्रैफिक समस्या खत्म हो जाती और आम जनता को इसमें राहत मिलती
आरएलवीडी सिस्टम के भरोसे हो रही शहर में कार्रवाईइंदौर शहर में आरएलवीडी कैमरों की मदद से ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. शहर में जहां-जहां भी ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं वहां पर इन आरएलवीडी कैमरों को भी लगाया गया है. जिसकी मॉनिटरिंग करने के लिए एक अलग कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है. इसी कंट्रोल रूम से कैमरो के माध्यम से नियम तोड़ने वाले लोगों पर चालानी कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसमें भी ट्रैफिक विभाग काफी पीछे है. जिसके कारण शहर में आए दिन ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते हुए लोग देखे जा सकते हैं. शहर में अब स्मार्ट सिग्नल लगाने के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि ट्रैफिक सिग्नल के अभाव में किसी चौराहे पर यातायात व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी, लेकिन शहर की व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर फिलहाल पुलिस ने किसी प्रकार की तैयारियां नहीं की है. लिहाजा ट्रैफिक सिग्नल लगने के बावजूद शहर में सड़क दुर्घटनाओं और जाम को लेकर समस्या और गहरा सकती है.