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डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : Feb 10, 2021, 7:17 AM IST

इंदौर शहर में 2 घरों में डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल इन सभी आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

Aerodrome police station area
एरोड्रम थाना क्षेत्र

इंदौर। एरोड्रम थाना क्षेत्र के हाई लिंक सिटी कॉलोनी में 2 घरों में डकैती की वारदात सामने आई थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने डकैती की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल गिरफ्तार हुए आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है.

घटना 31 जनवरी की दरमियानी रात की है. हाई लिंक सिटी में हथियारों के साथ डकैती की वारदात को बदमाशों ने अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में पता चला कि सीए की पत्नी के भतीजा ने ही बाग टांडा इलाके के गिरोह से संपर्क कर इस डकैती की वारदात को अंजाम दिया था.

इस तरह दिया घटना को अंजाम
गिरफ्तार हुए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने डकैती की घटना को अंजाम देने से पहले इलाके में कई दिनों तक रेकी की. बता दें कि, आरोपियों ने जिस रात डकैती की वारदात को अंजाम दिया था, उस समय बदमाश हथियारबंद होकर आए थे. परिवार वालों के साथ मारपीट भी की थी. हालांकि आरोपी घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए, लेकिन सभी ने अपने चेहरे कपड़े से ढक रखे थे. इसलिए पुलिस आरोपियों को पहचान नहीं पा रही थी. जब पुलिस ने कॉलोनी में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए, तो उसमें पता चला कि पीड़ित का भतीजा कुछ लोगों के साथ वहां दो-तीन दिन लगातार घूमता दिखा. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने डकैती की वारदात करना कबूला. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने बाग टांडा से आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

मनीष कपूरिया, डीआईजी
भतीजे सहित अन्य आरोपी गिरफ्त मेंपुलिस ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पत्नी के भतीजे पिंटू सहित मंगू सिंह, रमेश अलावा, मुकाम, रविंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. इनके पास से एक सोने की अंगूठी, एक सोने की चेन और एक सोने की चूड़ी जब्त की गई है. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए भी पुलिस कई तरह के प्रयास कर रही है. वहीं आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह वारदात को अंजाम देने के लिए दो गाड़ी से इंदौर आए हुए थे. योजना के मुताबिक वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए.आरोपी करते है ये कामइस पूरे मामले में जिस भतीजे ने बुआ के घर पर डकैती की वारदात को अंजाम दिया, वह किराने की दुकान चलाता है. इस वारदात में आरोपी मंगू सिंह शासकीय विद्यालय में अतिथि शिक्षक का काम करता है. वहीं रमेश ड्राइवर है. इसी तरह से मुकाम किराने की दुकान पर और रवींद्र कपड़ों की दुकान पर काम करता है. 150 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की तलाशी पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करने के लिए क्षेत्र के तकरीबन 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला. शुरुआत से ही पुलिस को विभिन्न तरह की शंका हो रही थी कि निश्चित तौर पर वारदात को अंजाम देने वाली गैंग धार जिले की बाग टांडा या अन्य क्षेत्रों की हो सकती है. पुलिस ने उन क्षेत्रों में लगातार दबिश दी और कई कुख्यात आरोपियों से लगातार पूछताछ करने के बाद डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.पुलिसकर्मियों ने ऐसे की थी आरोपियों की तलाश आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें विभिन्न जगह पर लगा रखी थी. यह भी बताया जा रहा है कि कई पुलिसकर्मियों ने भेष बदलकर बाग टांडा सहित अन्य जगह पर भेजा गया था, जहां पर विभिन्न गिरोह के लोग आकर एकजुट हुआ करते थे. उन गिरोह में पुलिसकर्मी वेशभूषा बदल कर बैठते थे. विभिन्न तरह की पड़ताल करते थे. उसी पड़ताल के माध्यम से भी पुलिस को जानकारी लगी, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इंदौर। एरोड्रम थाना क्षेत्र के हाई लिंक सिटी कॉलोनी में 2 घरों में डकैती की वारदात सामने आई थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने डकैती की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल गिरफ्तार हुए आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है.

घटना 31 जनवरी की दरमियानी रात की है. हाई लिंक सिटी में हथियारों के साथ डकैती की वारदात को बदमाशों ने अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में पता चला कि सीए की पत्नी के भतीजा ने ही बाग टांडा इलाके के गिरोह से संपर्क कर इस डकैती की वारदात को अंजाम दिया था.

इस तरह दिया घटना को अंजाम
गिरफ्तार हुए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने डकैती की घटना को अंजाम देने से पहले इलाके में कई दिनों तक रेकी की. बता दें कि, आरोपियों ने जिस रात डकैती की वारदात को अंजाम दिया था, उस समय बदमाश हथियारबंद होकर आए थे. परिवार वालों के साथ मारपीट भी की थी. हालांकि आरोपी घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए, लेकिन सभी ने अपने चेहरे कपड़े से ढक रखे थे. इसलिए पुलिस आरोपियों को पहचान नहीं पा रही थी. जब पुलिस ने कॉलोनी में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए, तो उसमें पता चला कि पीड़ित का भतीजा कुछ लोगों के साथ वहां दो-तीन दिन लगातार घूमता दिखा. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने डकैती की वारदात करना कबूला. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने बाग टांडा से आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

मनीष कपूरिया, डीआईजी
भतीजे सहित अन्य आरोपी गिरफ्त मेंपुलिस ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पत्नी के भतीजे पिंटू सहित मंगू सिंह, रमेश अलावा, मुकाम, रविंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. इनके पास से एक सोने की अंगूठी, एक सोने की चेन और एक सोने की चूड़ी जब्त की गई है. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए भी पुलिस कई तरह के प्रयास कर रही है. वहीं आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह वारदात को अंजाम देने के लिए दो गाड़ी से इंदौर आए हुए थे. योजना के मुताबिक वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए.आरोपी करते है ये कामइस पूरे मामले में जिस भतीजे ने बुआ के घर पर डकैती की वारदात को अंजाम दिया, वह किराने की दुकान चलाता है. इस वारदात में आरोपी मंगू सिंह शासकीय विद्यालय में अतिथि शिक्षक का काम करता है. वहीं रमेश ड्राइवर है. इसी तरह से मुकाम किराने की दुकान पर और रवींद्र कपड़ों की दुकान पर काम करता है. 150 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की तलाशी पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करने के लिए क्षेत्र के तकरीबन 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला. शुरुआत से ही पुलिस को विभिन्न तरह की शंका हो रही थी कि निश्चित तौर पर वारदात को अंजाम देने वाली गैंग धार जिले की बाग टांडा या अन्य क्षेत्रों की हो सकती है. पुलिस ने उन क्षेत्रों में लगातार दबिश दी और कई कुख्यात आरोपियों से लगातार पूछताछ करने के बाद डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.पुलिसकर्मियों ने ऐसे की थी आरोपियों की तलाश आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें विभिन्न जगह पर लगा रखी थी. यह भी बताया जा रहा है कि कई पुलिसकर्मियों ने भेष बदलकर बाग टांडा सहित अन्य जगह पर भेजा गया था, जहां पर विभिन्न गिरोह के लोग आकर एकजुट हुआ करते थे. उन गिरोह में पुलिसकर्मी वेशभूषा बदल कर बैठते थे. विभिन्न तरह की पड़ताल करते थे. उसी पड़ताल के माध्यम से भी पुलिस को जानकारी लगी, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
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